किस समय बैठती है माता सरस्वती (सौ.सोशल मीडिया)
Basant Panchami 2025: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का महत्व होता है इसमें ही बसंत पंचमी का त्योहार आने वाला है जो 2 फरवरी को मनाया जाएगा। इस त्योहार में माता सरस्वती की पूजा का विधान होता है वहीं पर पीले रंग का महत्व होता है। माता सरस्वती की पूजा करने ने आशीर्वाद प्राप्त होता है तो वहीं पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।
कई बार आपने लोगों या बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि, बोलते समय ध्यान देना चाहिए जुबान पर सरस्वती बैठती है। 24 घंटे में माता सरस्वती एक समय पर विराजमान होती है इस दौरान मनोकामना हो या फिर गलत बात सच होने लगती है। अक्सर कोई व्यक्ति बुरा कह रहा है तो उसकी कही बातें सच होती है उसे काली जबान कहते है, जो नकारात्मकता फैलाता है।
माता सरस्वती, जातको की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है लेकिन जातकों को कई बातों का ध्यान भी रखना जरूरी होता है। कई बार जरुरत से ज्यादा कही गई बात नुकसान का कारण बनती है इसलिए लोग कहते हैं पहले बातों को तोलो फिर बोलो। यहां तौलने से यह अर्थ है कि, आपकी बातों का कोई आधार हो बेमतलब की बातें आपकी छबि को नुकसान पहुंचा देती है और जब माता सरस्वती विराजमान हो जाए सच हो ही जाता है।
अक्सर जो कम और नपा तुला बोलते है माता उन्हें आशीर्वाद देती है। अपनी बोली से दूसरों का बुरा नहीं करते हैं. इसीलिए किसी का भी अनादर नहीं करना चाहिए।
यहां पर भारतीय परंपरा के अनुसार बताया गया है कि, सुबह 3 बजे के बाद ब्रह्म मुहूर्त शुरू हो जाता है। ऐसा माना गया है कि प्रात: काल 3:10 से 3:15 तक का समय सर्वोत्तम है, इस दौरान अगर आप हर रोज अपने मन की कामना बोलें तो आपकी वह इच्छा जरूर पूरी होती है। वहीं प्रात: काल 3:20 से 3:40 के बीच भी सरस्वती जीभ पर विराजमान होती हैं। माना जाता है कि इस समय बोला गया हर वाक्य सरस्वती के जुबान से बोला गया माना जाता है। अमूमन इस समय लोग नींद में होते है लेकिन इसे शुभ समय के रूप में जाना गया है।
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यहां पर मांगने से पहले ईश्वर का धन्यवाद करना बेहद जरूरी होता है। भगवान को धन्यवाद देने के बाद आप उस समस्या को बताएं जिसने आपके जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस समस्या का समाधान माता सरस्वती से मांगे। उदाहरण के तौर पर आप कह सकते हैं कि मेरी सैलरी बढ़कर इतनी हो जाए। सरस्वती मां से ऐसी चीज ही मांगे जो पूरी हो सके।