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शाम की पूजा कब करें, क्या हैं इसके नियम, जिसके पालन से मनोकामनाएं होंगी पूरी, घर आएंगी माता लक्ष्मी

हिंदू धर्म में रोजाना सुबह और शाम के समय पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना जाता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि जिस घर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है वहां सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: May 21, 2025 | 08:22 PM

क्या है संध्यापूजा का सही समय और इसके नियम (सौ.सोशल मीडिया)

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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का अपना ही विशेष महत्व है। लोग अपने घर की मंदिर में रोजाना नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं। प्रतिदिन सुबह सूर्य की पहली किरण के साथ पूजा-पाठ करना काफी शुभ माना जाता है। वहीं कुछ लोग सुबह और शाम दोनों प्रहर पूजा करते हैं।

सुबह शाम पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि शाम की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। तो चलिए आज जानते हैं कि शाम की पूजा के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए….

क्या है संध्यापूजा का सही समय और इसके नियम

 

शाम को पूजा के लिए न तोड़े फूल

शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता। इसलिए शाम के समय भगवान को फूल अर्पित न करें और न ही भगवान की पूजा के लिए फूल तोड़ कर लाएं।

सूर्यदेव की पूजा

सूर्यदेव की पूजा का शास्त्रों में विशेष महत्व है। चाहे किसी भी देवी-देवता की पूजा हो सूर्यदेव का स्मरण जरूर किया जाता है, लेकिन सूर्यदेव की पूजा हमेशा दिन में की जाती है। सूर्यास्त के बाद सूर्यदेव की पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है।

तुलसी का पत्ता

पूजा में तुलसी का प्रयोग करना काफी शुभ माना गया है। भगवान विष्णु और उनके अवतार कृष्णजी को तुलसी बेहद प्रिय है, लेकिन सूर्य के अस्त होने के बाद तुलसी की पत्तियां न तोड़े और न ही शाम की पूजा में तुलसी का प्रयोग करें।

कब करनी चाहिए संध्या पूजा

शास्त्रों के अनुसार, सूर्योदय के साथ-साथ संध्याकाल जिसे गोधूलि बेला भी कहा जाता है, उसमें भी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना गया है। वेदों और शास्त्रों में इस समय को बहुत ही पवित्र बताया गया है।

यह समय दिन और रात की संधि का समय होता है। सूर्य अस्त होने से एक घंटा पहले या सूर्यास्त होने के एक घंटा बाद तक का समय पूजाृपाठ के लिए उत्तम माना गया है।

इन बातों रखें ध्यान

शाम के समय दीपक जलाने के लिए गाय के घी या फिर तिल के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसी के साथ पूजा के दौरान अपना पूरा मन केवल आराधना में ही लगाएं। इधर-उधर ध्यान भटकने पर आपको पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता।

पूजा के दौरान वातावरण भी शांत होना चाहिए। इसके साथ ही शाम की पूजा में घंटी बजाना भी शुभ नहीं माना जाता। अगर आप संध्या पूजा में फूल अर्पित कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि इस समय पेड़-पौधों से फूल नहीं तोड़ने चाहिए।

शाम की पूजा में मंदिर के साथ-साथ घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जरूर जलाना चाहिए। इससे आपको मां लक्ष्मी की कृपा मिल सकती है।

 

What the correct time of sandhya puja and its rules

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Published On: May 21, 2025 | 08:22 PM

Topics:  

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  • Religion
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