नीम करोली बाबा (सौ.सोशल मीडिया)
भारत महान साधु-संतों का देश है। इन साधु-संतों से प्रेरणा और मार्गदर्शन लेने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते है। इन्ही में से एक नीम करोली बाबा भी है। नीम करोली बाबा एक महान संत है। उनके भक्तों में फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग से लेकर एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स भी शामिल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां आम जनता से लेकर नेता, अभिनेता, विदेश की जानी-मानी हस्तियां मत्था टेकने आते हैं।
कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर नीम करोली बाबा के दरबार में आता है वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है। उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है।
वहीं नीम करोली बाबा द्वारा बताई बातों को जो भी व्यक्ति अपने जीवन में उतारता है उसे समस्त समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। अगर आप नीम करोली बाबा को कंबल चढ़ाने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा। बाबा को कंबल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं? आइए जानते है इस बारे में-
नीम करोली बाबा को कंबल चढ़ाते समय आप कुछ सरल और श्रद्धापूर्ण तरीके से कुछ विशेष मंत्र का बोल सकते है। बाबा आडंबरों में नहीं, बल्कि प्रेम और भाव में विश्वास रखते थे। इसलिए, आपके शब्द सीधे हृदय से आने चाहिए। यहां कुछ ऐसी भावनाएं दे रहे हैं, जिन्हें आप नीम करोली बाबा को कंबल चढ़ाते समय बोल सकते हैं। इससे लोगों की मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती हैं।
“हे बाबा, यह कंबल आपके श्री चरणों में अर्पित है। कृपया इसे स्वीकार करें और अपनी कृपा बनाए रखें। ” या फिर “महाराज जी, यह मेरी छोटी सी भेंट है। इसे स्वीकार कर मुझे सुखी जीवन का आशीर्वाद दें। ”
“बाबा, आप सभी के कष्ट हरने वाले हैं। यह कंबल आपको समर्पित कर रहा हूं/रही हूं, मेरी विनती स्वीकार करें। ” या “आपको यह कंबल भेंट कर रहा हूं/रही हूं, बाबा. मेरे परिवार पर आपकी दया-दृष्टि बनी रहे। ”
“हे बाबा, मैं यह कंबल आपको अर्पित कर रहा हूं/रही हूं। मेरे जीवन में जो भी दुख या बाधाएं हैं, उन्हें दूर करें। ” साथ ही बोलें कि “महाराज जी, आपने मुझ पर जो कृपा की है, उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूं। यह कंबल मेरी कृतज्ञता का प्रतीक है.” कृपया इसे स्वीकार करें।
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“जय महाराज जी,” “जय बाबा नीम करोली,” या “जय श्री नीम करौली बाबा की” भी बोल सकते हैं। बाबा नीम करोली हमेशा कहते थे कि “सब कुछ प्रेम है। ” वे आपके चढ़ावे की कीमत या प्रकार नहीं देखते थे, बल्कि आपके भाव और प्रेम को देखते थे। इसलिए, सबसे महत्वपूर्ण आपकी सच्ची श्रद्धा और आंतरिक भावना है। इन बातों का ध्यान रखते हुए और सच्ची श्रद्धा से आप बाबा को कंबल चढ़ा सकते हैं।