चारधाम यात्रा के दौरान से जुड़े नियम (सौ.सोशल मीडिया)
Chardham Yatra 2025: 30 अप्रैल, बुधवार को चार धाम यात्रा की शुरू होने जा रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु इसमें शामिल होंगे। इसके लिए सरकार ने तमाम तरह की सुविधाएं देने की तैयारी कर ली है।
आपको बता दें, हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। आपको बता दें, चार धाम यात्रा को कलयुग के मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि हर किसी को जीवन में एक बार चार धाम यात्रा जरूर करनी चाहिए। इसके चमत्कारी लाभ मिलते हैं तो ऐसे में भक्तों को यात्रा के दौरान कुछ नियम और सावधानियां भी बरतनी बेहद जरूरी है। आइए आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा के दौरान से जुड़े नियम
खान-पान से जुड़े नियम
आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से चारधाम यात्रा सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस यात्रा को करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और उसे मोक्ष यानी मुक्ति प्राप्त होती है। इसलिए, यात्रा के दौरान आपको तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। साथ ही साथ प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। अगर आप तामसिक पदार्थों का सेवन करते हैं तो धार्मिक यात्रा का कोई महत्व नहीं रह जाता।
सूतक में न करें धार्मिक यात्रा
हिंदू परंपरा के अनुसार, यदि किसी के घर में किसी की मृत्यु हुई हो तो 12-13 दिन तक सूतक रहता है। सूतक काल के दौरान धार्मिक यात्रा करने की मनाही होती है। ऐसा करने पर यात्रा का शुभ परिणाम आपको प्राप्त नहीं होता।
व्यवहार की शुद्धता
चारधाम यात्रा के दौरान आपको व्यवहार की शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। किसी के साथ भी अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और हर वक्त प्रभु का ध्यान मन में बनाए रखना चाहिए। गलत विचार आपकी धार्मिक यात्रा को निष्फल कर सकते हैं।
सही वस्त्रों का करें चुनाव
धार्मिक स्थलों पर विचारों की शुद्धता के साथ ही वस्त्र भी आपको सही तरीके के पहनने चाहिए। सबसे पहले तो आपके वस्त्र साफ सुथरे होने चाहिए और रंगों का चुनाव भी आपको धार्मिक चीजों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।
माता-पिता की आज्ञा
हिंदू धर्म में माता-पिता को ईश्वर तुल्य माना जाता है। इसलिए अगर आपके माता-पिता हैं तो यात्रा पर निकलने से पहले आपको उनकी अनुमति यानी आशिर्वाद अवश्य लेनी चाहिए। बिना अभिभावकों की अनुमति या आशिर्वाद के की गई यात्रा शुभ फलदायी नहीं मानी जाती।इसलिए जाने से पहले माता-पिता की आज्ञा लेना न भूलें।
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सोशल मीडिया से दूरी
मौजूदा समय में लोग धार्मिक स्थलों पर जाकर भी मोबाइल और फोन के जरिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। लोगों का पूरा फोकस भक्ति की बजाय अपनी यात्रा की अपडेट लोगों को देना बन गया है।
यह दिखावा करना धार्मिक स्थल पर शोभा नहीं देता है। आध्यात्मिक उन्नति के लिए अगर आप चारधाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो मोबाइल या किसी भी ऐसे यंत्र का इस्तेमाल न करें जो आपकी भक्ति और भावना को प्रभावित करे।