
श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित मोक्षदा एकादशी,(सौ.सोशल मीडिया)
Mokshada Ekadashi vrat 2024: जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित मोक्षदा एकादशी तिथि हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व रखता है। इस साल मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर,बुधवार को है। धार्मिक मान्यता है कि, मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
इतना ही नहीं व्यक्ति को अपने सभी पापों से भी छुटकारा मिलता है। लेकिन एकादशी व्रत के कुछ नियम भी हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। वरना, आपकी पूजा असफल हो सकती है। तो आइए जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
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मोक्षदा एकादशी के दिन इन नियमों का पालन करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करने के बाद अपने व्रत को आरंभ करें।
एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद विधिपूर्वक विष्णु जी की पूजा करें।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु को पीले रंग के फूल, केला, नारियल, पंचामृत, तुलसी आदि पूजा सामग्री अर्पित करें।
मोक्षदा एकादशी के दिन एकादशी कथा के साथ ही गीता का भी पाठ करें। एकादशी व्रत के दिन शाम के समय पूजा-आरती के बाद ही फलाहार करें।
मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। एकादशी के दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें।
इस दिन न करें ये काम
एकादशी व्रत के दिन तामसिक चीजों (प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा) का सेवन न करें।
एकादशी के दिन चावल और चावल से बनी चीजों का खाना वर्जित होता है। दशमी तिथि के दिन से ही चावल और तामसिक चीजों का सेवन न करें।
एकादशी के दिन किसी दूसरे को अपशब्द न कहें और न ही किसी से वाद-विवाद करें।
जानिए मोक्षदा एकादशी तिथि पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि 11 दिसंबर 2024 को सुबह 3:42 मिनट से शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन 12 दिसंबर 2024 को रात 01:09 मिनट पर होगी।






