कन्या पूजन (सौ.सोशल मीडिया)
Kanya Pujan 2025: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व इस समय चल रहा हैं, जिसक समापन 6 अप्रैल को होगा। नवरात्रि के दौरान अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्या पूजा का भी विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की साधना अधूरी मानी जाती है। यह पूजा बालिकाओं को देवी स्वरूप मानकर की जाती है, लेकिन यदि इसमें कुछ गलतियां हो जाएं तो इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है नवरात्रि पर कन्या पूजन के दौरान किन गलतियों को करने से बचना चाहिए-
कन्या पूजन के दौरान किन गलतियों को करने से बचना चाहिए-
स्थान का रखें विशेष ध्यान
कन्या पूजन के लिए स्थान का स्वच्छ और पवित्र होना बेहद जरूरी है। गंदे या अव्यवस्थित स्थान पर पूजा करने से देवी कृपा प्राप्त नहीं होती। कन्या पूजन से पहले पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें।
स्नान के बिना कन्या पूजन न करें
जिस प्रकार किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले स्नान करना जरूरी होता है, वैसे ही कन्या पूजन से पहले भी स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। पूजा से पहले कन्याओं के हाथ-पैर धुलवाने चाहिए और उन्हें साफ-सुथरे वस्त्र पहनने के लिए देने चाहिए।
इतनी हो कन्याओं की संख्या
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कन्या पूजन के लिए हमेशा 2, 5, 7 या 9 कन्याओं को आमंत्रित करना शुभ माना गया है। विषम संख्या जैसे 1, 3, 6 या 8 कन्याओं का पूजन करना अनुचित माना जाता है। इसलिए कन्या पूज के लिए हमेशा 2, 5, 7 या 9 कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए।
कन्याओं को खाली हाथ न जानें दें
कन्या पूजन के बाद उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार उपहार, दक्षिणा, फल या कपड़े आदि देने चाहिए। कन्या पूजन के बाद कभी भी कन्याओं को खाली हाथ विदा नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और अगर आप ऐसा करते हैं, देवी दुर्गा अप्रसन्न हो सकती है। इसलिए ऐसी गलती करने से बचना चाहिए।
कन्याओं को बासी भोजन न कराएं
कन्या पूजन के लिए हमेशा सात्विक भोजन बनाना चाहिए, जिसमें प्याज-लहसुन का इस्तेमाल न हो ।घर आईं कन्याओं को ताजा और शुद्ध भोजन ही अर्पित करना चाहिए। कन्या पूजन के दौरान बासी या झूठे हाथ लगा भोजन देना अशुभ माना जाता है।
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कन्याओं के साथ असम्मानजनक व्यवहार न करें
कन्याएं देवी का स्वरूप मानी जाती हैं। इसलिए उनके प्रति किसी भी प्रकार का अपमानजनक व्यवहार न करें। उनसे सम्मानपूर्वक बात करें और पूरी श्रद्धा व प्रेमभाव से उनकी सेवा करें।