पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये खास उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Chaitra Purnima 2025: हिंदू धर्म में चैत्र पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। क्योंकि, इस दिन पवन पुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस साल चैत्र पूर्णिमा दिन शनिवार, 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि चैत्र महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करने तथा भगवान शिव व विष्णु की पूजा करने से कई जन्मों में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती हैं, साथ ही साधक को मनचाहा वरदान भी मिलता है।
इसलिए हिन्दू भक्त चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गंगा नदी सहित कई पवित्र नदियों में स्नान करते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा पर अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में अगर आप भी पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि चैत्र पूर्णिमा पर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको क्या उपाय करने चाहिए-
पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये खास उपाय :
तर्पण और श्राद्ध
पूर्णिमा के दिन पितरों के लिए तर्पण करें और विधि-विधान से श्राद्ध कर्म करें।
गंगा स्नान
इस दिन गंगा स्नान करना भी बड़ा शुभ होता है। यदि संभव हो तो पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करें या घर पर ही गंगाजल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
दीपक जलाएं
पूर्णिमा के दिन घर के चारों तरफ दीपक जलाएं। कहते है इस दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाना भी बड़ा शुभ होता है।
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं
इस दिन पितरों के लिए पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और परिक्रमा करें।
दान करें
पूर्णिमा के दिन अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, कपड़े और भोजन का दान करना भी बड़ा शुभ होता है।
ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र
पितृ दोष से मुक्ति के लिए पूर्णिमा के दिन ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र का जाप करें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं
पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, तिल, पान और धतूरा आदि चढ़ाना भी शुभ होता है।
कौओं को पानी व भोजन कराना
चैत्र पूर्णिमा पर कौओं को भोजन कराने से पितरों को शांति मिलती है।
पितृ श्राप दूर करने के लिए जापे ये मंत्र
पितृदोष दूर करने के लिए आप ‘ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नम:’, ‘ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नम:’, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ आदि मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
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चैत्र पूर्णिमा के दिन अगर आप इन मंत्रों का जाप विधि-विधान से करते हैं तो इससे आपके पितरों को मुक्ति मिल सकती है और आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए इस मंत्र का विशेष महत्व है।