Demon and a person preying. (Source. Pinterest)
Rakshasa Temple India: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है, जहां हर आस्था, हर विश्वास और हर परंपरा का अपना अलग स्वरूप देखने को मिलता है। आमतौर पर मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा होती है, लेकिन इसी विविधताओं से भरे भारत में कुछ ऐसे अनोखे मंदिर भी हैं, जहां राक्षस और राक्षसियों की उपासना की जाती है। इन मंदिरों से लोगों की गहरी श्रद्धा जुड़ी हुई है और इनका इतिहास भी उतना ही रोचक है। आइए जानते हैं भारत के उन पांच रहस्यमयी मंदिरों के बारे में, जहां राक्षसों की पूजा होती है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित दशानन मंदिर रावण को समर्पित है। यह मंदिर खासतौर पर दशहरा पर्व पर खोला जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण इसलिए कराया गया क्योंकि रावण एक महान ज्ञानी और भगवान शिव का परम भक्त था। दशहरे के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, रावण की आरती उतारते हैं और दीप प्रज्ज्वलन कर मंदिर को सजाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के पंचकुइयां क्षेत्र में पाताल लोक के राजा अहिरावण का प्राचीन मंदिर स्थित है। कथा के अनुसार अहिरावण, रावण के आदेश पर श्रीराम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले गया था। बताया जाता है कि यह मंदिर 300 साल से भी अधिक पुराना है। यहां अहिरावण के साथ-साथ उनके भाई महीरावण और रामभक्त हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।
श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में पूतना वध की कथा बेहद प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश के गोकुल में राक्षसी पूतना का एक विशेष मंदिर है। यहां लेटी हुई पूतना के स्तनपान करते भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित है। इस अनोखे दृश्य के दर्शन के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर आते हैं और इसे कृष्ण लीला का अद्भुत स्वरूप मानते हैं।
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महाभारत काल की हिडिंबा राक्षसी, महाबली भीम की पत्नी थीं और उनके पुत्र घटोत्कच ने युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। हिमाचल प्रदेश के मनाली में हिडिंबा देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। हिडिंबा राक्षस कुल की होने के बावजूद स्वभाव से सरल और धर्मपरायण थीं, इसी कारण यहां उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
महाभारत के पात्र शकुनी को षड्यंत्रों के लिए जाना जाता है। केरल के कोल्लम जिले में शकुनी का मंदिर स्थित है, जहां उनकी विधिवत पूजा की जाती है। यहां नारियल और रेशमी वस्त्र अर्पित किए जाते हैं। यह मंदिर तांत्रिक साधनाओं और विशेष अनुष्ठानों के लिए भी प्रसिद्ध है।