रमा एकादशी व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
Rama Ekadashi Vrat: हिंदू धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व माना जाता है, यानि यह महीना पूर्णतया भगवान विष्णु एवं तुलसी माता को प्रिय है. इस महीने में भगवान विष्णु एवं तुलसी माता की पूजा की जाती है। यहां पर सनातन शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को चराचर के स्वामी भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं। इससे पूर्व कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि के अगले दिन रमा एकादशी मनाई जाती है जिस पर इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा की जाती है। इस व्रत के दिन ही तुलसी से जुड़े उपाय भी किए जाते हैं।
अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं तो आज रमा एकादशी के दिन भक्ति भाव से भगवान जगदीश की पूजा करें। इस समय तुलसी की जड़ से जुड़े ये उपाय अवश्य करें, इन उपायों को करने से आय में बढ़ोतरी होती है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ और व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. साधक सभी चिंताओं और कष्टों से मुक्त हो जाता है। यहां पर पंडित शंभू दुबे के अनुसार एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को सुबह 7.15 बजे शुरू होगी और 28 अक्टूबर को सुबह 8.40 बजे समाप्त होगी। एकादशी पर्व पर सूर्योदय का विशेष महत्व माना जाता है, 27 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद एकदाशी शुरू होगी। वहीं, 28 अक्टूबर को सूर्योदय केवल एकादशी के दिन ही होगा, एकादशियों और द्वादशी तिथि के संयोग में एकादशी व्रत करना शुभ फलदायी माना जाता है. इसलिए इस साल कार्तिक माह में रमा-एकादशी का व्रत 28 अक्तूबर को रखा जाएगा।
रमा एकादशी के दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। पहला ब्रह्म योग सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा और उसके बाद ऐंद्र योग आरंभ होगा जो पूरे दिन रहेगा. इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र दोपहर 3.24 बजे तक है और उसके बाद उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा।
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रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा सूर्योदय के समय प्रातः 06.30 बजे से कर सकते हैं।
चर-सामान्य मुहूर्त: प्रातः 06.24 से प्रातः 07.49 तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: प्रातः 07.49 से प्रातः 09.15 तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: प्रातः 09.15 से प्रातः10.40 तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: दोपहर 12.06 से दोपहर 01.31 तक
चर-सामान्य मुहूर्त: सायं 04.23 से सायं 05.48 तक