Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

आज स्कंद षष्ठी के दिन जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, हर संकटों से मिलेगी मुक्ति

Bhagwan Kartikey:आज भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जा रहा है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा के दौरान स्कंद षष्ठी की व्रत कथा पढ़ने से संतान सुख की प्राप्ति भी हो सकती है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Nov 26, 2025 | 11:02 AM

ये है स्कंद षष्ठी व्रत कथा (सौ.सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Skanda Sashti ki Katha: आज 26 नवंबर को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जा रहा है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी का व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को दक्षिण भारत में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर जैसे राक्षसों का वध किया था, इसलिए इस त्योहार को विजय का प्रतीक भी माना जाता है।

स्कंद षष्ठी की पूजा और व्रत करने से शत्रुओं पर विजय, सुख-समृद्धि और भय से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि, इस दिन पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए।

मान्यता है कि स्कंद षष्ठी व्रत कथा का पाठ करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और संतान सुख की प्राप्ति भी हो सकती है। स्कंद षष्ठी के दिन जरूर पढ़ें यह व्रत कथा-

ये है स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी की पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार तारकासुर नाम के शक्तिशाली असुर ने देवताओं पर भारी आतंक मचा रखा था। ब्रह्माजी ने बताया कि उसका वध करने की शक्ति केवल भगवान शिव के पुत्र के पास ही है। उस समय भगवान शिव सती के वियोग में तपस्या में लीन थे।

सभी देवताओं के कहने पर माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर शिवजी को प्रसन्न किया और उनका विवाह शिवजी से हुआ।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह के बाद जब शिव-पार्वती एक गुफा में थे, तब शिवजी के तेज से उत्पन्न वीर्य को एक कबूतर ने पी लिया, लेकिन वह उसे सह नहीं सका और गंगा में बहा दिया। गंगा की लहरों के कारण वह छह भागों में विभाजित हुआ, जिससे छह मुख वाले कार्तिकेय का जन्म हुआ।

यह भी पढ़ें-घर की छत पर ध्वजा लगाने का भाग्योदय से क्या है संबंध, जानिए किस दिशा में और कौन से रंग का लगाएं ध्वज

भगवान कार्तिकेय को बचपन में ही देवताओं का सेनापति बनाया गया था। उन्होंने अपनी पराक्रम और रणनीति से तारकासुर का वध किया और देवताओं को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई। भगवान कार्तिकेय का जन्म शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को हुआ, इसलिए इस दिन उनकी पूजा और व्रत करने की परंपरा शुरू हो गई।

Today on the day of skanda shashthi definitely read this fast story

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 26, 2025 | 11:02 AM

Topics:  

  • Religion
  • Sanatana Dharma
  • Skanda Shashti

सम्बंधित ख़बरें

1

अयोध्या राम मंदिर ध्वजा पर पाकिस्तान की बौखलाहट, UN से मुसलमानों की विरासत सुरक्षित रखने की अपील की

2

आज का राशिफल 26 November 2025: आज कन्या और तुला सहित इन 4 राशि वालों को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी

3

घर की छत पर ध्वजा लगाने का भाग्योदय से क्या है संबंध, जानिए किस दिशा में और कौन से रंग का लगाएं ध्वज

4

मोती किसे करता है फ़ायदा और किसे करता है नुकसान, जानकर ही करें धारण

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.