दशहरा के दिन अपराजिता के फूलों से करें ये उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Dussehra 2025: आज बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा का महापर्व मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, दशहरा का पर्व केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश ही नहीं देता, बल्कि इस दिन किए गए कुछ ज्योतिष एवं धार्मिक उपाय जीवन में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि दशहरा के दिन अपराजिता के फूल से जुड़े कुछ ज्योतिष एवं धार्मिक उपाय करना बड़ा शुभ फल देने वाला होता है। आइए जानते हैं अपराजिता के फूल से जुड़े कुछ ज्योतिष उपायों के बारे में-
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्रों के अनुसार, दशहरे के दिन पूजा करते समय मां लक्ष्मी को अपराजिता के फूल अर्पित करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-समृद्धि बनी रहती है। पूजा के बाद इन फूलों को तिजोरी या पर्स में रख लेना चाहिए।ऐसा माना जाता है कि इस उपाय से धन की कमी दूर होती है और आय के नए साधन प्राप्त होते हैं।
दशहरा के अवसर पर अपराजिता के फूलों की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। मान्यता है की इस दिन पूजा करने से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है और रुके हुए काम आसानी से पूरे होने लगते हैं। साथ ही, घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
ज्योतिष बताते हैं कि, अपराजिता का फूल विजय और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए दशहरा के पावन अवसर पर इसका प्रयोग करने से जीवन की रुकावटें दूर होती हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
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सनातन धर्म में अपराजिता पौधे और फूल का बड़ा महत्व है। अपराजिता के पौधे और फूल से देवी पूजा की जाती है। श्रद्धालु इस पूजा के माध्यम से अपनी मनोकामनाएँ मांगते हैं, और माना जाता है कि देवी मां उन्हें पूरा करती हैं। इस पूजा से भक्त साल भर भय और बाधाओं से मुक्त रहते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अपराजिता का फूल और पौधा असत्य पर सत्य की जीत का भी प्रतीक माना जाता है।