
महाकुंभ का पांचवां अमृत स्नान (सौ.सोशल मीडिया)
Magh Purnima 2025: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का दौर चल रहा है इसमें ही आज 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के अवसर पर भक्त स्नान का पुण्य फल प्राप्त कर सकते है। माघ पूर्णिमा की आज शुभ तिथि है तो वहीं पर पांचवा अमृत स्नान आज पवित्र त्रिवेणी संगम में चल रहा है। इस अमृत स्नान और दान का फल आप प्राप्त करना चाहते है तो आज विष्णु भगवान के लक्ष्मी नारायण स्वरूप और चंद्रदेव की पूजा कर सकते है।
यहां पर माघ माह की पूर्णिमा को विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस खास स्नान के मौके पर आप कुछ मंत्रों का जाप करते है तो आपको बहुत जाप करने से लाभ प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में…
माघ पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप
आपको बताते चलें कि, माघी पूर्णिमा पर आप भगवान विष्णु के लक्ष्मी नारायण स्वरूप और चंद्रदेव की पूजा करने का विधान होता है। आज माघ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए जो इस प्रकार है-
श्री हरि विष्णु मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय
ॐ श्री विष्णवे च वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्
श्री विष्णु रूपम मंत्र
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्.
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
मां लक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद,
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:
चंद्रदेव का मंत्र
ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नमः
ऊँ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः
ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नमः
ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुधः प्रचोदयात।
ऊँ चं चंद्रमस्यै नमः
आपको बताते चलें कि, माघ महीने की पूर्णिमा तिथि आज बेहद खास है कहते हैं आज अगर कोई त्रिवेणी संगम में स्नान और दान का नियम अपनाते हैं तो, शुभ फल की प्राप्ति होती है। आज के दिन भगवान श्रीहरि, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा का विधान है. इस दिन को श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न के लिए सबसे शुभ दिन माना गया है। माघ पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
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कहते हैं कि, आज के दिन इस दिन भूलकर भी लोहे, चांदी, नमक का दान नहीं करना चाहिए. लोहे का दान करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं. चांदी दान करने से चंद्र दोष लगने का भय होता है. नमक दान करने से राहु दोष लगने का भय होता है। इस पांचवे स्नान के बाद अंतिम स्नान 26 फरवरी यानि महाशिवरात्रि के दिन होगा इस दिन महाकुंभ की समाप्ति होने वाली है।






