स्कन्द षष्ठी (सौ.सोशल मीडिया)
Skanda Sashti 2025: भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस बार 02 मई को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी। आपको बता दें, ‘स्कंद षष्ठी’ व्रत दक्षिण भारत में मुख्य रूप से मनाया जाता है।
इस दिन भक्ति भाव से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। साथ ही, भगवान कार्तिकेय को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण व्रत भी रखते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं। आइए, स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त, महत्व, योग जानते हैं-
जानिए स्कन्द षष्ठी शुभ मुहूर्त
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, 2 मई को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि शुरू होगी। वहीं, 3 मई को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 2 मई को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी।
स्कन्द षष्ठी बन रहे शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से हो रहा है। वहीं, सर्वार्थसिद्धि योग का समापन 3 मई को सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर होगा।
साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है।रवि योग पूर्ण रात्रि तक है। इसके अलावा, शिववास योग और अभिजीत मुहूर्त योग बन रहा है। इन योग में भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी दुख एवं क्लेश दूर हो जाते हैं।
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पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 57 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 17 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक