कब जलाना चाहिए शाम के समय दीया, जानिए (सौ.सोशल मीडिया)
Deepak Jalane Ke Niyam: हिन्दू धर्म में सुबह और शाम के समय दीपक जलाना बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। दीपक जलाना शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि दीपक न जलाने से पूजा अधूरी रहती है। सुबह और शाम को दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
शास्त्रों में दीपक जलाने के कई नियमों के बारे में बताया गया है। इन नियमों का पालन करने से इंसान को जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं शाम के समय दीया जलाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और क्यों जलाना चाहिए शाम के समय दीपक।
जानिए कब जलाना चाहिए शाम के समय दीया
हिनू धर्म में शाम के समय दीया ज्यादातर घरों में जलाए जाने की एक विशेष परंपरा है। हालांकि, अक्सर लोग शाम के समय नहीं बल्कि रात हो जाने पर, यानी कि अंधेरा हो जाने पर दीया जलाते हैं जबकि संध्याकाल का दीपक हमेशा सूर्यास्त के समय यानी शाम 5 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक का समय दीपक जलाने के लिए शुभ होता हैं।
जबकि सुबह का समय सुबह 5 बजे से लेकर 10 बजे तक शुभ होता हैं। कहा जाता है कि अंधेरा हो जाने के बाद दीया जलाना सात्विक नहीं बल्कि तांत्रिक पूजा में गिना जाता है। इसलिए दीपक हमेशा सूर्यास्त के समय जलाना चाहिए।
क्यों शाम के समय दीपक जलाए जाते हैं
ज्योतिषी बताते हैं कि, शाम के समय दीया जलाने से नकारात्मकता दूर होती है। घर में सुख, शांति, समृद्धि, संपन्नता, सौभग्य, सकारात्मकता आदि का आगमन होता है। इसके अलावा, शाम के समय दीया जलाने से राहु का दुष्प्रभाव भी कम ही जाता है।
कहते हैं, अगर आपकी कुंडली में ग्रह दोष है तो शाम के समय दीया जलाने से ग्रह शांत होते हैं और शुभ परिणाम नजर आने लगते हैं। घर और सदस्यों की उन्नति होने लगती है। इसलिए भी शाम के समय दीपक जलाए जाते है।
इन स्थानों में जलाना चाहिए शाम के समय दीया
ज्योतिष गुरु बताते है। कि, शाम के समय अगर दीया जला रहे हैं तो उसकी दिशा का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। शाम के समय दीया या तो घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए या फिर तुलसी के गमले के पास जलाना चाहिए।
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इसके अलावा, संध्याकाल का दीपक घर भगवान की आरती कर लेने के बाद रसोई में भी रखा जा सकता है। इससे घर में हमेशा धन और धान्य का भंडार भरा रहता है।