अखंड ज्योत के नियम (सौ.सोशल मीडिया)
Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च 2025, रविवार को चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो रहा है। चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन भक्त घटस्थापना के समय अखंड ज्योत जलाते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने से घर में मां दुर्गा का वास रहता है। साथ ही सुख-शांति में वृद्धि होती है। अखंड ज्योत के दौरान नियम का पालन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि नियम का पालन न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अखंड ज्योत के नियम के बारे में।
अखंड ज्योत के नियम
अखंड ज्योत को प्रतिपदा तिथि से लेकर दशमी तिथि तक जलाना चाहिए।
अखंड ज्योत को जौ, चावल या गेहूं के ऊपर रखनी चाहिए।
ज्योत जलाते समय निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
‘करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते’
अखंड ज्योत का शांत होना अशुभ माना जाता है। इसलिए इसको कभी भी अकेला न छोड़ें।
एक बात खास ध्यान रखें कि अखंड ज्योति के लिए टूटे हुए चावल का इस्तेमाल न करें।
अखंड ज्योत के बुझने पर क्या करें
अखंड ज्योत के बुझने को अशुभ माना गया है। ऐसा होने पर मां दुर्गा से माफी मांगे। इसके बाद अखंड ज्योत के पास एक छोटा दीपक जलाएं। क्योंकि अखंड ज्योत के शांत होने पर इस दीपक से अखंड ज्योत को जलाया जा सकता है। अगर नवरात्र के बाद ज्योत जल रही है, तो उसे खुद न बुझाएं। इससे खुद ही शांत होने दें।
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चैत्र नवरात्र 2025 का आरंभ
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर तिथि खत्म होगी। ऐसे में चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरु होंगे और 06 अप्रैल को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।