ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ (सौ.सोशल मीडिया)
Durga Saptshati Path Ke Niyam: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होते ही पूरा देश मां भगवती की आराधना में सराबोर हो गए हैं। हर तरफ मां के जयकारे के साथ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जा रही हैं। इस पवित्र पर्व पर लोग मां के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं और शक्ति व विजय की कामना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि, मां दुर्गा के इन दिनों में जो भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ मां की आराधना करते हैं मां दुर्गा उनकी झोली खुशियों से भर देती हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि के पावन अवसर पर माता रानी के भक्त दुर्गा सप्तशती पाठ भी करते है। क्योंकि नवरात्रि के शुभ अवसर पर दुर्गा सप्तशती पाठ करना बड़ा शुभ होता है। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ करना सिर्फ पूजा-पाठ नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और साधना का मार्ग है।
इसे सही विधि से करने पर मानसिक शांति मिलती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि किस तरह से दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए, जिससे देवी मां की कृपा आप पर बरसे, तो यहां हम आपको इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जानिए नवरात्रि में नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती पाठ करने की विधि, नियम और इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है।
ज्योतिषयों के अनुसार, दुर्गा सप्तशती पाठ सुबह या संध्या समय कर सकते हैं। पाठ शुरू करने से पहले संकल्प लें और मां दुर्गा के स्वरूप का ध्यान करें। लाल वस्त्र पर पुस्तक रखकर पूजा करें और फिर अध्यायों का क्रमवार पाठ करें। हर दिन मां के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है और उसी के अनुसार अध्याय पढ़े जाते हैं।
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हिन्दू धर्म में दुर्गा सप्तशती पाठ का आध्यात्मिक महत्व है। दुर्गा सप्तशती, जिसे चंडी पाठ भी कहा जाता है, मार्कण्डेय पुराण से लिया गया है। इसमें मां के तीन स्वरूपों महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा और राक्षस वध की कथाएं वर्णित हैं। जो लोग अक्सर संघर्ष, रोग, आर्थिक समस्या आदि परेशानियों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह पाठ बेहद लाभकारी बताया गया है।