भोजन करने की कौन-सी दिशा शुभ (सौ.सोशल मीडिया)
Vastu Tips For Eating Food: व्यक्ति के जीवन में वास्तु शास्त्र विशेष महत्त्व रखता है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में वास्तु नियमों का पालन भी उतना ही जरुरी है, जितना कि जीवित रहने के लिए खाना-पीना। वास्तु-शास्त्र के अनुसार, भोजन करने के लिए सही दिशा का होना भी बहुत जरूरी होता है।
यदि गलत दिशा में बैठकर भोजन किया जाए, तो यह न केवल स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है, बल्कि भाग्य और समृद्धि पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
ऐसे में कुछ दिशाएं तो इतनी प्रतिकूल होती हैं कि उस दिशा में खाने पीने से जीवन में भी संकट मंडरा सकता है। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार भोजन करने की सबसे शुभ दिशा कौन-सी मानी जाती है।
भोजन करने की कौन-सी दिशा शुभ :
पूर्व दिशा
वास्तुशास्त्र के अनुसार, भोजन करने के लिए पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। इस दिशा में बैठकर भोजन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मानसिक शांति मिलती है। इसके अलावा, यह दिशा पाचन क्रिया को भी सुचारु बनाए रखने में सहायक होती है, जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर होता है।
उत्तर दिशा
अगर बात उत्तर दिशा की करें तो, इस दिशा में बैठकर भोजन करना भी शुभ माना गया है। इस दिशा में भोजन करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य अच्छा होता है और मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है। साथ ही, यह दिशा धन और विद्या से जुड़े कार्यों के लिए भी अनुकूल मानी जाती है। यदि कोई व्यक्ति इस दिशा में भोजन करता है, तो उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
दक्षिण दिशा
वास्तुशास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में बैठकर भोजन करना अशुभ माना जाता है। क्योकि इस दिशा को मृत्यु और यमराज से जोड़ा जाता है, इसलिए इस ओर मुख करके भोजन करना अकाल मृत्यु या नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है।
ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में भोजन करने से व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ बढ़ सकती हैं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इस दिशा में भोजन करने की मनाही होती है।
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इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान
एक विशेष बात का ध्यान रखें कि खाना खाने के बाद थाली में हाथ नहीं धोना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है और सुख-समृद्धि चली जाती है। खाना खाने के बाद थाली को धोने के लिए उचित स्थान पर रखना चाहिए, इससे देवता नाराज नहीं होते और उनकी कृपा जीवन में बनी रहती है।