कब से शुरू है चैत्र माह जानिए (सौ.सोशल मीडिया)
Chaitra month festivals 2025: हिन्दू धर्म में चैत्र महीना बड़ा महत्व रखता है। चैत्र मास को हिंदू कैलेंडर में नए साल के रूप में मनाया जाता है। इस साल 15 मार्च से चैत्र महीने की शुरुआत हो रही है और इसका समापन 12 अप्रैल को होगा।
आपको बता दें, हर साल इसकी शुरुआत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। धार्मिक दृष्टि से चैत्र माह बहुत विशेष माना गया है। इस महीने कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे- चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, गुड़ी पड़वा और पापमोचनी एकादशी समेत आदि।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र माह में ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करने की शुरुआत की थी। इस माह को मां दुर्गा के 9 रूपों को प्रसन्न और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चैत्र माह कब से शुरू हो रहा है और चैत्र महीने में कौन से त्यौहार आते हैं।
कब से शुरू है चैत्र माह जानिए
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 15 मार्च को दोपहर 2:33 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 16 मार्च को दोपहर 4:58 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से होगी और इसका समापन अगले महीने यानी 12 अप्रैल को होगा।
चैत्र माह में आने वाले पर्व-त्योहार
15 मार्च 2025 – चैत्र मास प्रारंभ
16 मार्च 2025 – भाई दूज
17 मार्च 2025 – भालचद्र संकष्टी चतुर्थी
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
22 मार्च 2025 – शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
27 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
29 मार्च 2025 – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
30 मार्च 2025 – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि
31 मार्च 2025 – गणगौर
06 अप्रैल 2025 – रामनवमी
12 अप्रैल 2025 – चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती
जानिए क्या है चैत्र मास का महत्व
चैत्र मास को हिंदू कैलेंडर में नए साल के रूप में मनाया जाता है। इसका नाम चैत्र इसलिए पड़ा क्योंकि इसका सीधा नक्षत्र से संबंध है। चैत्र मास आने पर बसंत ऋतु का अंत हो जाता है और ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होने लगता है।
आपको बता दें, ब्रह्माण्ड में सबसे पहला दिन चैत्र के महीने को ही माना जाता है। और इसी महीने से हिन्दू नववर्ष प्रारम्भ होता है,जिसे हिन्दू सभ्यता में संवत्सर कहा जाता है।
कहा जाता है कि, चैत्र के इस पावन महीने का सम्बन्ध ज्योतिष शास्त्र से भी बहुत गहरा है। क्योंकि, गृह, ऋतु ,मास ,तिथि एवं पक्ष आदि कि गणना भी चैत्र प्रतिपदा से ही कि जाती है।
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इस नए महीने के प्रारम्भ से ही प्रकृति में शुभता और नई ऊर्जा का आरम्भ होने लगता है। चैत्र के इस महीने को भक्ति और संयम का पावन महीना भी कहा जाता है, क्योंकि इस महीने में अधिक व्रत और त्यौहार आते हैं।