
शुक्रवार व्रत का धार्मिक महत्व (सौ.सोशल मीडिया)
Friday Vrat Significance: सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। यह दिन सुख-समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में शांति के लिए विशेष फलदायी होता है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण और मत्स्य पुराण में शुक्रवार व्रत का विशेष उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा करने से घर में धन-समृद्धि बढ़ती है और वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं। विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत अत्यंत शुभ माना गया है।
शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। लाल वस्त्र बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीपक जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम अर्पित करें।
इसके बाद ‘श्री सूक्त’ और ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करें। मंत्र जप करना विशेष फलदायी माना जाता है—
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
और “विष्णुप्रियाय नमः” का जप भी करें।
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1. माता लक्ष्मी की विशेष पूजा
शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और घी का दीपक जलाएं।
2. श्री सूक्त और लक्ष्मी चालीसा का पाठ
पूजा के समय श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र या लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
3. मंत्र जाप करें
इस मंत्र का 108 बार जप करें—
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
यह मंत्र आर्थिक परेशानियों को दूर करता है।
4. सफेद और मीठी चीजों का दान
शुक्रवार को खीर, मिश्री, दूध, चावल या सफेद वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
5. संतोषी माता की पूजा
संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे घर में क्लेश समाप्त होता है और सुख-शांति बनी रहती है।
6. कन्याओं को भोजन कराएं
शुक्रवार को कन्याओं को भोजन कराने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
7. घर में साफ-सफाई रखें
शुक्रवार के दिन घर को स्वच्छ रखें, खासकर पूजा स्थल और रसोई को। माना जाता है कि माता लक्ष्मी स्वच्छ स्थान पर ही वास करती हैं।
शुक्रवार पूजा में भोग का विशेष महत्व होता है। माता लक्ष्मी को खीर, मिश्री, बर्फी या सफेद मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के अंत में कमल पुष्प अर्पित करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। इसके बाद प्रसाद घर के सभी सदस्यों में बांटें।
ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु शुक्रवार व्रत को नियम और श्रद्धा के साथ करते हैं, उनके जीवन में आर्थिक संकट दूर होते हैं, पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।






