घर के मंदिर में ना रखें ये सामान (सौ.सोशल मीडिया)
Premanand Maharaj on temple rules: हिन्दू धर्म में रोजाना पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान के लिए हर दिन थोड़ा समय निकालकर उनका ध्यान करने से ना सिर्फ दिन अच्छा गुजरता बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है। हर हिन्दू घर में मंदिर या पूजास्थल अवश्य होता है।
घर के मंदिर या पूजास्थल को सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। यही वह स्थान होता है जहां रोज़ भगवान की आराधना की जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में ऐसी वस्तुएं मंदिर में रख देते हैं जो वास्तु और धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं मानी जाती है।
इसी विषय में जाने माने संत प्रेमानंद जी के अनुसार, ऐसी वस्तुएँ घर के मंदिर में रखने से न केवल पूजा का प्रभाव कम होता है, बल्कि नकारात्मकता भी बढ़ सकती है। ऐसे में आइए जानें कौन-सी चीज़ें मंदिर में नहीं रखनी चाहिए।
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि मंदिर में कभी भी खंडित यानी टूटी-फूटी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। चाहे भगवान की उंगली, मुकुट, हाथ या कोई हिस्सा थोड़ा भी टूटा हो, उसे तुरंत हटा देना चाहिए।
कहते है, टूटी हुई मूर्ति में देवत्व नहीं रहता और ऐसी मूर्ति को रखना अशुभ माना जाता है। इसे किसी पवित्र नदी या पीपल के नीचे प्रवाहित या स्थापित करना चाहिए।
हम में से कई लोग गलती से घर के मंदिर में पितरों या पूर्वजों की तस्वीरें रख देते हैं, जो कि वास्तु और धार्मिक दृष्टि से गलत है। पितरों की पूजा अलग स्थान पर करनी चाहिए, न कि भगवान के मंदिर में। घर के मंदिर में केवल देवी-देवताओं की ही मूर्तियां या तस्वीरें रखनी चाहिए।
प्रेमानंद महाराज आगे बताते हैं कि मंदिर में पूजा के बर्तनों के लिए तांबा, पीतल या चांदी का प्रयोग शुभ माना गया है। लोहे या प्लास्टिक के बर्तन नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। इसलिए इनका उपयोग मंदिर में न करें।
कई बार लोग दीपक बुझने के बाद उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं या मंदिर की साफ-सफाई नियमित नहीं करते। इससे भी मंदिर की पवित्रता भंग होती है मंदिर को रोज़ साफ रखना चाहिए और दीपक जलाने से पहले वहां की धूल अवश्य साफ करनी चाहिए।
संत प्रेमानंद महाराज कहते है कि, अगर भगवान की तस्वीर फट गई है या धुंधली हो गई है, तो उसे मंदिर में नहीं रखना चाहिए। ऐसी तस्वीरें पूजा का प्रभाव कम करती हैं और मानसिक तनाव बढ़ा सकती है।
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मंदिर में रखे बासी यानी मुरझाए फूल और पत्ते तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, मुरझाए हुए फूल नकारात्मक ऊर्जा का संकेत होते हैं। रोज़ पूजा के बाद ताज़ा फूल चढ़ाने चाहिए और पुराने फूलों को बहा देना चाहिए।