राज पंचक (सौ.सोशल मीडिया)
आज 16 जून को राज पंचक शुरू होने जा रहा है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से पहले मुहूर्त देखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हर महीने में कई शुभ और अशुभ मुहूर्त पड़ते है।
इन मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही कोई शुभ या मांगलिक कार्य किया जाता है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसी तरह से हर महीने में पांच ऐसे दिन पड़ते हैं, जिनमें कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
आपको बता दे, पंचांग के अनुसार, जून में 16 तारीख से राज पंचक शुरू होने जा रहा है। हालांकि, इस पंचक को शुभ माना जाता है और इस दौरान कुछ विशेष मांगलिक और शुभ कार्य किए जा सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि राज पंचक कब से कब तक है और इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं-
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, आज से ही पंचक शुरू हो रहे हैं। जून 2025 में ये राज पंचक हैं, जो 16 जून सोमवार को सुबह 11 बजकर 32 मिनट से शुरू चुके हैं। 20 जून दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होंगे।
ज्योतिषयों के अनुसार,पंचक के दौरान लकड़ी या ईंधन इकट्ठा करना या खरीदना अशुभ माना जाता है। इससे अग्नि का भयधनिष्ठा नक्षत्र के दौरान लकड़ी या ईंधन इकट्ठा करना शुभ नहीं माना जाता है। इससे अग्नि का भय रहता है। आग लगने या अग्नि संबंधी दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।
पंचक के दौरान लकड़ी खरीदने के अलावा,दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता हैं। पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा करने से यात्रा में बाधाएं आ सकती हैं, दुर्घटना या अप्रिय घटना होने का डर रहता हैं। यदि यात्रा करना बहुत जरुरी हो, तो हनुमान जी को 5 फल चढ़ाकर यात्रा शुरू कर सकते हैं।
ज्योतिष बताते हैं कि,पंचक के दौरान घर की छत डालना या भवन निर्माण करना भी अशुभ माना गया हैं। खासतौर पर रेवती नक्षत्र के दौरान घर की छत डालना अशुभ माना गया हैं। ऐसा करने से धन हानि और घर में क्लेश होने की स्थिति बन सकती हैं।
पंचक के दौरान पलंग, चारपाई या किसी भी प्रकार की शय्या का निर्माण करना अशुभ माना जाता हैं। इससे परिवार के सदस्यों पर कोई बड़ा संकट आने की आशंका होती हैं।
पंचक के दौरान शव का अंतिम संस्कार करते हुए कुछ कार्यो को करनी की मनाही होती हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि पंचक में किसी की मृत्यु होती है और उसका अंतिम संस्कार पंचक काल में किया जाता है, तो उस कुटुंब या निकटजनों में अगले पांच दिनों के भीतर पांच और मृत्यु हो सकती हैं।
यदि ऐसी स्थिति आ जाए कि पंचक में शव का अंतिम संस्कार करना ही पड़े, तो किसी योग्य पंडित से पंचक शांति कराकर ही शव का दाह संस्कार करें इसके साथ ही, शव के साथ कुश के पांच पुतले बनाकर उनका भी दाह संस्कार करना चाहिए। यह पंचक दोष को शांत करता है।
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ज्योतिष बताते हैं कि, वैसे तो पंचक में कुछ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन जून माह में पड़ने वाला यह राज पंचक शुभ भी माना जाता है। इस दौरान कुछ विशेष मांगलिक और शुभ कार्य किए जा सकते हैं, राज पंचक के दौरान, सरकारी कामकाज या राजनीति से जुड़े कार्यों की शुरुआत करना शुभ रहता है।
आपको बता दें, राज पंचक के दौरान संपत्ति की खरीद-बिक्री या अन्य संपत्ति संबंधी कार्यों को करना फायदेमंद हो सकता है। शुभ और मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन आदि किए जा सकते हैं, बशर्ते कि उन पर पंचक के अन्य विशिष्ट नियम लागू न हों।