मां सरस्वती, (सौ.सोशल मीडिया)
Basant Panchami 2025: 2 फरवरी को वसंत पंचमी का त्योहार पूरे देशभर में मनाया जाएगा। ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित बसंत पंचमी का पावन पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। बसंत पंचमी का पर्व मुख्य रूप से भारत के पूर्वी हिस्सों में, विशेषकर पश्चिम बंगाल और बिहार में बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है। वहीं, उत्तर भारत में यह पतंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां सरस्वती की आराधना से व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है और बुद्धि तीव्र बनती है। वहीं, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के दौरान माता को कौन से फूल अर्पित करने चाहिए और क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ एवं उसके पीछे का महत्व। आइए जानते हैं इस बारे में –
मां सरस्वती को अर्पित करें चमेली फूल
बसंत पंचमी के दिन चमेली का फूल मां सरस्वती को अर्पित करना बड़ा शुभ होता है। चमेली के फूल को मां सरस्वती को चढ़ाने से ध्यान और मानसिक शांति का स्तर बढ़ता है। साथ ही, मानसिक तनाव में भी कमी आती है। जो लोग परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें मां को ये फूल अवश्य चढ़ाना चाहिए।
मां सरस्वती को अर्पित करें कमल फूल
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स का कहना है कि, कमल का फूल मां लक्ष्मी को अति प्रिय है। साथ ही, माता सरस्वती की पूजा में भी कमल के फूल का प्रयोग कर सकते है। ऐसे में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को कमल का फूल चढ़ाने से ज्ञान की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि, संपदा, संपन्नता और सौभाग्य बढ़ने लग जाता है।
मां सरस्वती को अर्पित करें जुही फूल
जुही के फूल को भी सरस्वती पूजन में अर्पित कर सकते हैं। यह फूल प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। जुही के फूलों से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
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मां सरस्वती को अर्पित करें अपराजिता फूल
अपराजिता फूल को मां सरस्वती को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि बेल फूल को माता के चरणों में अर्पित करने से व्यक्ति का ज्ञान उतनी ही तीव्रता से बढ़ता है जितनी तेजी से बेल बढ़ती है। इसलिए अपराजिता या बेल फूल को मां सरस्वती को अवश्य अर्पित करें।