प्रदोष काल में क्यों है पूजा का विशेष महत्व (सौ.सोशल मीडिया)
Evening Pradosh Vrat Puja :आज 17 दिसंबर को साल का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। यह पावन पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है और इस दिन शाम के समय पूजा करना शुभ होता है। कहा जाता है कि, प्रदोष काल में पूजा करने से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि के साथ और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आज अगर प्रदोष काल में महादेव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें और कुछ विशेष उपाय करें तो महादेव की कृपा से करियर और धन की समस्याएं दूर होंगी। आइए इन उपायों के बारे में जानें-
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सूर्यास्त के बाद का समय प्रदोष काल कहलाता है। इस समय भगवान शिव की आराधना करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि बुध प्रदोष व्रत पर इस काल में किए गए उपाय करियर में स्थिरता और आर्थिक मजबूती प्रदान करते हैं।
ज्योतिषयों के अनुसार, धन संबंधी समस्याओं का अंत नहीं हो पा रहा है, संपत्ति में वृद्धि के लिए की गई कोशिश कामयाब नहीं हो पा रही है तो आपको प्रदोष व्रत पर एक सरल उपाय करना चाहिए।
सवा किलो साबुत चावल लें और छोड़ा सा दूध लें और शिव जी के मंदिर जाकर सच्चे मन से जरूरतमंदों को दान कर दें। प्रदोष व्रत पर इस उपाय को करने से धन में वृद्धि के रास्ते खुलते हैं।
अगर शत्रु आप पर हावि हो रहे हैं और लगातार परेशान कर रहे हैं तो प्रदोष व्रत के दिन आपको शाम के समय एक सरल उपाय करना चाहिए। इसके लिए शमी पत्र लें और उसे साफ कर लें। इसके बाद ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करते हुए शिवलिंग पर इन्हें अर्पित करते जाएं।
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जो लोग नौकरी में रुकावट, व्यापार में घाटा या धन की कमी से जूझ रहे हैं, उनके लिए बुध प्रदोष व्रत के उपाय विशेष लाभकारी माने जाते हैं। नियमित रूप से इस व्रत का पालन करने से निर्णय क्षमता मजबूत होती है और नए अवसर प्राप्त होने लगते हैं।