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क्यों भगवान श्रीकृष्ण ने कराया भाई-बहन के बीच विवाह? जानिए महाभारत से जुड़ा गूढ़ रहस्य

Arjun Subhadra Marriage: महाभारत की कथाओं में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनके पीछे गहरा राजनीतिक, पारिवारिक और दैवीय दृष्टिकोण छिपा है। अर्जुन और सुभद्रा का विवाह भी ऐसा ही एक प्रसंग है।

  • By सिमरन सिंह
Updated On: Dec 26, 2025 | 06:30 PM

Arjuna and Subhadra (Source. Pinterest)

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Kyu Karaya Shri Krishna Ne Arjun Subhadra Ka Vivah: महाभारत की कथाओं में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनके पीछे गहरा राजनीतिक, पारिवारिक और दैवीय दृष्टिकोण छिपा है। अर्जुन और सुभद्रा का विवाह भी ऐसा ही एक प्रसंग है, जिसे अक्सर केवल प्रेम कथा के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसके पीछे भगवान श्रीकृष्ण की दूरदर्शिता और भविष्य का स्पष्ट ज्ञान छिपा हुआ था।

सुभद्रा और श्रीकृष्ण का पारिवारिक संबंध

सुभद्रा, वसुदेव और रोहिणी की संतान थीं। इस कारण वे भगवान श्रीकृष्ण की सगी बहन नहीं, बल्कि सौतेली बहन थीं। हालांकि रक्त संबंध भले ही अलग था, लेकिन पारिवारिक मर्यादाओं और सामाजिक नियमों के चलते परिवार के कई सदस्य अर्जुन और सुभद्रा के विवाह के लिए तैयार नहीं थे। यही वजह थी कि इस रिश्ते को खुली सहमति मिलना आसान नहीं था।

स्वयंवर नहीं, हरण का रास्ता क्यों?

परिवार की असहमति को देखते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने एक असाधारण मार्ग सुझाया। उन्होंने अर्जुन को सुभद्रा के स्वयंवर में “हरण” का सुझाव दिया। यही नहीं, सुभद्रा को साथ ले जाने के लिए अपना रथ भी अर्जुन को प्रदान किया। यह निर्णय किसी आवेग में नहीं, बल्कि गहन सोच और भविष्य की योजना के तहत लिया गया था।

त्रिकालदर्शी कृष्ण की दूरदृष्टि

भगवान श्रीकृष्ण त्रिकालदर्शी थे। वे भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों से भली-भांति परिचित थे। उन्हें यह पहले से ज्ञात था कि सुभद्रा के गर्भ से अभिमन्यु का जन्म निश्चित है। अभिमन्यु न केवल महान योद्धा बनेगा, बल्कि उसका पुत्र परीक्षित आगे चलकर पांडव वंश को आगे बढ़ाएगा। इसी कारण श्रीकृष्ण इस विवाह के पक्ष में थे और इसे धर्म व वंश की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक मानते थे।

कुंती और वसुदेव वंश का संबंध

इस कथा का एक और महत्वपूर्ण पहलू कुंती से जुड़ा है। भगवान श्रीकृष्ण कुंती को सौहार्द्रवश “बुआ” कहा करते थे। हालांकि महाराज कुंतीभोज द्वारा गोद लिए जाने के बाद कुंती का वंश परिवर्तन हो चुका था। इसके चलते उनका सीधा संबंध वसुदेव जी के वंश से नहीं रह गया था। ऐसे में अर्जुन और सुभद्रा के विवाह को लेकर उठने वाले पारिवारिक विरोध का कोई ठोस आधार नहीं बचता था।

ये भी पढ़े: महाभारत की हैरान कर देने वाली कथा, जब एक पुरुष राजा ने दिया बच्चे को जन्म

धर्म, वंश और भविष्य का संतुलन

अर्जुन-सुभद्रा विवाह केवल व्यक्तिगत प्रेम या राजनीतिक गठजोड़ नहीं था, बल्कि यह महाभारत की उस व्यापक योजना का हिस्सा था, जिसमें धर्म, वंश और भविष्य तीनों का संतुलन निहित था। भगवान श्रीकृष्ण का साथ इस बात का प्रमाण है कि हर निर्णय के पीछे उनका उद्देश्य केवल वर्तमान नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का कल्याण था।

Lord krishna arrange a marriage between a brother and sister arjuna and subhadra profound secret from the mahabharata

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Published On: Dec 26, 2025 | 06:17 PM

Topics:  

  • Karan Arjun
  • Lord Krishna
  • Mahabharat
  • Religion
  • Sanatan Hindu religion

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