हनुमान जी के कौन से पाठ से क्या लाभ है (सौ.सोशल मीडिया)
Hanuman Chalisa – Bajrang Baan: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। कहा जाता है कि दिन के हिसाब से देवी-देवताओं की पूजा करना बड़ा फलदायी होता है।अगर बात शनिवार और मंगलवार दिन की करें तो यह दो दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है।
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए लोग हनुमान चालीसा का भी पाठ करते हैं, बजरंग बाण का भी पाठ करते हैं और सुन्दरकाण्ड भी पढ़ते हैं। लेकिन, कई बार भक्तों के मन में ये सवाल आता है कि इन तीनों में सबसे शक्तिशाली कौन है या किसका प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है और उन्हें सबसे अधिक किसका पाठ करना चाहिए।
इस सवाल का जवाब पाने के लिए ये समझना जरूरी है कि तीनों में अंतर क्या है और तीनों को पढ़ने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इन तीनों में क्या अंतर है और तीनों को पढ़ने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं।
ज्योतिषयों के अनुसार, हनुमान चालीसा एक संतुलित और सर्वश्रेष्ठ दैनिक पाठ है। इसमें 40 चौपाइयां और दो दोहे हैं, जो बेहद सौम्य और मधुर हैं। हनुमान चालीसा के पाठ का उद्देश्य शांति, भय से मुक्ति, आत्मबल, भूत-प्रेत बाधा से रक्षा इत्यादि है। चूंकि ये समस्याएं सबके जीवन में है, इसलिए इसकी लोकप्रियता भी लोगों में सबसे अधिक है और ये सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला पाठ है। इसे पढ़ना भी आसान है।
आपको बता दें, हनुमान चालीसा का पाठ करने से साढ़ेसाती का भी प्रभाव हटता है और मन भी शांत होता है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी के गुणों का बखान है, इसलिए इसका पाठ करने से हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बोध कराती है। पाठक अपने अन्दर भी हनुमान जी के गुणों को अन्तर्निहित करता जाता है और उसमें बल और बुद्धि जैसे गुण जागृत होते हैं।
हनुमान चालीसा के बाद बजरंग बाण एक शक्तिशाली मंत्र है, जो नकारात्मक शक्तियों को दूर करने का काम करता है। बजरंग बाण में सारे बीज मंत्रो का स्तोत्र है, जो एक शस्त्र के बाण की तरह सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ज्योतिष बताते हैं कि, बजरंग बाण एक अत्यंत शक्तिशाली और आक्रामक स्तुति है। बजरंग बाण का पाठ तब किया जाता है, जब जीवन में कोई बहुत बड़ा संकट या तंत्रिक बाधा हो, दुश्मनों से रक्षा या नकारात्मक शक्तियों से युद्ध हो या आप किसी मुसीबत में हो।
कहते हैं, बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, ह्रदय रोग और ब्लड प्रेशर में फायदा होता है, किसी नुकसान से उबरने में मदद मिलती है।
बजरंग बाण की भाषा बहुत ही तीव्र और आदेशात्मक (“काटे, फाड़े, मारे”) है। इसका पाठ तुरंत परिणाम चाहने वालों को ही करना चाहिए और इसे सावधानीपूर्वक भी पढ़ना चाहिए। बजरंग बाण का पाठ कभी भी गुस्से में नहीं करना चाहिए, बल्कि पूरी श्रद्धा व संयम से करना चाहिए।
पवन पुत्र हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त गण सुन्दर कांड का पाठ भी करते हैं। आपको बता दें, सुन्दर कांड रामकथा का वो हिस्सा है, जिसमें हनुमान जी की सबसे उज्जवल लीला का वर्णन है। यह श्रीरामचरितमानस का पांचवां अध्याय है, जो सबसे लंबा और कथा रूप में है।
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ज्योतिषियों का कहना है कि, इसका पाठ करने से मन की शांति, कार्य सिद्धि, भक्ति व श्रद्धा बढ़ाना, जीवन में चमत्कारिक बदलाव जैसे लाभ मिलते हैं। इसकी विशेषता है कि इसमें हनुमान की लंका यात्रा, सीता दर्शन, अग्निपरीक्षा इत्यादि सभी लीला वर्णन होते हैं। शुभ कार्यों से पहले, परीक्षा या कर्ज मुक्ति के लिए यह श्रेष्ठ है।