निर्जला एकादशी उपवास में क्या खाएं (सौ.सोशल मीडिया)
हिन्दू धर्म में निर्जला एकादशी का व्रत एक अत्यंत महत्वपूर्ण और कठिन व्रत है जो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह व्रत 6 जून 2025 को है। ज्योतिषयों का मानना है कि निर्जला एकादशी व्रत बेहद कठोर माना जाता है क्योंकि इस व्रत में अन्न तो क्या जल तक भी ग्रहण नहीं किया जाता।
इसलिए हर किसी के लिए ये व्रत रख पाना संभव नहीं होता। लेकिन जो कोई भी इस व्रत को नियम से रखता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। निर्जला एकादशी के व्रत में क्या खाएं, क्या नहीं आइए जानते हैं इस बारे में-
ज्योतिष बताते है कि,अगर आप निर्जला व्रत नहीं हैं तो फिर केला, सेब, संतरा, अंगूर, पपीता आदि का सेवन कर सकते है। इसके अलावा, घर का बना हुआ दूध, दही, छाछ और पनीर खाएं। सूखे बादाम, किशमिश, काजू, अखरोट, आलू, शकरकंद, अरबी, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना से बनी चीजें, दूध और चीनी के बिना चाय या कॉफी का सेवन कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें-अगर तुलसी का पौधा अचानक सूख जाए, इस अशुभ संकेत का क्या हो सकता है असर, जानिए क्या करें फिर उसका
चावल, गेहूं, दालें, जौ, राई और इनसे बने उत्पाद जैसे रोटी, चपाती, पराठा, इडली, डोसा, प्याज और लहसुन, मांस, मछली और अंडे, तेल और घी का सेवन नहीं करना चाहिए।
सनातन धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन शालिग्राम की पूजा करने से व्यक्ति को पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यह व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना जाता है, और इसे करने से साल भर की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। शालिग्राम की पूजा से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।