Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

कैसे गणेश जी हाथी के सिर वाले बने भगवान, जानिए पुराण में वर्णित कथा के अनुसार

Ganesh Utsav: भगवान श्रीगणेश के उत्सव की शुरुआत 27 अगस्त से होगी। 10 दिनों चलने वाले इस उत्सव में प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश जी की उत्पत्ति से जुड़ी कथा का उल्लेख किया किया गया।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Aug 21, 2025 | 02:14 PM

भगवान श्रीगणेश

Follow Us
Close
Follow Us:

 

Lord Ganesha Birth Story:  भगवान श्रीगणेश के उत्सव की शुरुआत 27 अगस्त से होने जा रही है। 10 दिनों चलने वाले इस उत्सव में प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी की पूजा की जाती है। किसी शुभ कार्य या नए कार्य की शुरुआत से पहले सभी देवी-देवताओं में भगवान श्रीगणेश का पूजन किया जाता है।भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं। भगवान गणेश की पत्नी का नाम रिद्धि और सिद्धि है। रिद्धि और सिद्धि भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं।

ग्रंथों के अनुसार, कैलाश मानसरोवार या उत्तरकाशी जिले का डोडीताल को भगवान श्रीगणेश जी का जन्मस्थान कहा जाता है और जन्म की शुभ तिथि माथुर ब्राह्मणों के इतिहास अनुसार अनुमानत: 9938 विक्रम संवत पूर्व भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय की रही। भगवान श्रीगणेश के जन्म से जुड़ी कथा का उल्लेख पुराण में मिलता है चलिए जानते है…

भगवान गणेश जी के जन्म की कहानी

पुराण के अनुसार, भगवान श्रीगणेश की उत्पत्ति से जुड़ी इस कथा के बारे में हर कोई जानते है। कैसे गणेश जी हाथी के सिर वाले भगवान बने। जब पार्वती शिव के साथ उत्सव क्रीड़ा कर रहीं थीं, तब उन पर थोड़ा मैल लग गया। जब उन्हें इस बात की अनुभूति हुई, तब उन्होंने अपने शरीर से उस मैल को निकाल दिया और उससे एक बालक बना दिया। फिर उन्होंने उस बालक को कहा कि जब तक वे स्नान कर रहीं हैं, वह वहीं पहरा दे। जब शिवजी वापिस लौटे, तो उस बालक ने उन्हें पहचाना नहीं और उनका रास्ता रोका। तब भगवान शिव ने उस बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया और अंदर चले गए। यह देखकर पार्वती बहुत हैरान रह गयीं। उन्होंने शिवजी को समझाया कि वह बालक तो उनका पुत्र था, और उन्होंने भगवान शिव से विनती करी कि वे किसी भी कीमत पर उसके प्राण बचाएं।

तब भगवान शिव ने अपने सहायकों को आज्ञा दी कि वे जाएं और कहीं से भी कोई ऐसा मस्तक लेकर आएं जो उत्तर दिशा की ओर मुहँ करके सो रहा हो। तब शिवजी के सहायक एक हाथी का सिर लेकर आए, जिसे शिवजी ने उस बालक के धड़ से जोड़ दिया और इस तरह भगवान गणेश का जन्म हुआ।

इस कथा का मिलता है उल्लेख

एक अन्य कथा के अनुसार, प्राचीन समय में सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था। उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था। एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई। उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहाँ आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया।

उस दौरान ही कौंच ने ऋषि-पत्नी का हाथ पकड़ लिया। रोती और काँपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख माँगने लगी। उसी समय सौभरि ऋषि आ गए। उन्होंने गंधर्व को श्राप देते हुए कहा ‘तूने चोर की तरह मेरी सहधर्मिणी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा।

ये भी पढ़ें- गणेश उत्सव के मौके पर ये 5 रंग पहनना होता है शुभ

काँपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की-‘दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था। मुझे क्षमा कर दें। ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहाँ गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे (हर युग में गणेशजी ने अलग-अलग अवतार लिए) तब तू उनका डिंक नामक वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे। सारे विश्व तब तुझें श्रीडिंकजी कहकर वंदन करेंगे।

Know the story related to lord ganesha as per the puranas

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 21, 2025 | 02:14 PM

Topics:  

  • Ganesh Chaturthi
  • Ganesh Utsav
  • Lord Ganesha

सम्बंधित ख़बरें

1

साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण ‘इस’ दिन, नोट करें सूतक काल, ग्रहण के दौरान क्या न करें जानिए

2

काशी विश्वनाथ मंदिर के स्वर्ण शिखर पर नजर आया सफेद उल्लू, भक्तों ने माना लक्ष्मी माता का आशीर्वाद

3

हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती ही नहीं इन देवी-देवताओं की पूजा का होता है महत्व, जानिए

4

आज का राशिफल- 21 अगस्त 2025: वृश्चिक-धनु सहित इन 3 राशियों के लिए गुरूवार का दिन रहेगा शुभ

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.