दीवाली पर किस दिशा में जलाएं दीए
Diwali 2024:दीपोत्सव का महापर्व दीपावली जल्द आने वाली हैं। दिवाली का त्योहार प्रकाश और खुशियों का त्योहार है। दीपक जलाकर हम न केवल अपने घर-आंगन को रोशन करते हैं, बल्कि अपने मन और जीवन को भी प्रकाशित करते हैं।
दीपावली पर दीये जलाने की परंपरा त्रेता युग में शुरू हुई थी, जब प्रभु राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस शुभ अवसर पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर प्रभु श्रीराम का स्वागत किया था।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, दीपावली पर दीया जलाने के कुछ नियम होते हैं, जिसका अगर आप पालन करेंगे, तो आपके घर पर शुभ लक्ष्मी और सौभाग्य दोनों दस्तक देंगे। तो, आइए जानते हैं दीपावली में आपको दीया किस दिशा में जलाना चाहिए।
दिशाओं के अनुसार दीया जलाने से मिलते है कई लाभ
पूर्व दिशा
हिंदू धर्म में पूर्व दिशा को सूर्य देव की दिशा मानी जाती है। पूर्व दिशा में दीया जलाने से मानसिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह दिशा शिक्षा और आत्मिक विकास, स्वास्थ्य लाभ और बुद्धि में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर देव की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से धन का लाभ होता है और घर में समृद्धि आती है। यह दिशा वित्तीय स्थिरता और व्यावसायिक सफलता के लिए उत्तम मानी जाती है।
दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। यह दिशा हमारे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है।
पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा में दीया जलाने से जीवन में स्थिरता और संतुलन प्राप्त होता है और यह दिशा हमारे कर्मों और कार्यों में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पश्चिम दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। अगर आप इस दिशा में दीया जलाते हैं, तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर में शांति बनी रहती है।
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। ऐसे में वास्तु के अनुसार, दीपावली के दिन घर के प्रवेश पर दीपक जरूर जलाना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले मुख्य द्वार की साफ-सफाई कर दोनों तरफ स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। दीपक जलाने के लिए गाय के घी या तिल के तेल का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर में प्रवेश करती हैं, जिससे दरिद्रता का वास नहीं रहता।