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खरमास में उड़द-राई क्यों नहीं खाई जाती? जानिए क्या है धार्मिक और आयुर्वेदिक कारण

Kharmas Religious Beliefs:खरमास के दौरान खानपान में संयम रखने की परंपरा है। इस समय उड़द और राई का सेवन वर्जित माना गया है। इसके पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ आयुर्वेदिक कारण भी बताए जाते हैं।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Dec 17, 2025 | 10:29 PM

खरमास में खानपान क्यों बदला जाता है(सौ.सोशल मीडिया)

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Kharmas Food Rules: 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो चुका है, जो आगामी 14 जनवरी 2026 तक रहेगा। खरमास के दौरान सनातन मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, नया व्यवसाय, वाहन या घर खरीदना आदि से परहेज किया जाता है।

इसके अलावा, खानपान को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। विशेष रूप से उड़द की दाल और राई का सेवन इस अवधि में नहीं किया जाता। इसके पीछे धार्मिक ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक कारण भी बताए गए हैं।

खरमास में खानपान क्यों बदला जाता है

मान्यता है कि खरमास के दौरान शरीर की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इसी कारण इस समय हल्का, सात्विक और सुपाच्य भोजन करने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर संतुलन बनाए रख सके।

उड़द और राई से परहेज का धार्मिक कारण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उड़द और राई को तामसिक प्रवृत्ति का माना गया है। खरमास में तामसिक भोजन से बचकर सात्विक आहार अपनाने पर जोर दिया जाता है, ताकि मन और शरीर दोनों शुद्ध रहें।

आयुर्वेद क्या कहता है

आयुर्वेद के अनुसार उड़द दाल और राई की तासीर भारी और गरम होती है। कमजोर पाचन के समय इनका सेवन गैस, अपच और शरीर में सूजन बढ़ा सकता है। इसलिए खरमास में इनसे परहेज करने की सलाह दी जाती है।

इस दौरान क्या खाना माना जाता है उचित

खरमास में मूंग दाल, चावल, सब्जियां, दूध, फल और हल्का भोजन अधिक उपयुक्त माना जाता है। इससे पाचन ठीक रहता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

खरमास में उड़द और राई से परहेज केवल धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे आयुर्वेदिक तर्क भी छिपे हैं। इस दौरान संयमित और संतुलित आहार अपनाना स्वास्थ्य और आध्यात्मिक दोनों दृष्टि से लाभकारी माना जाता है।

यह भी पढ़ें-एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित करें या नहीं, जानिए प्रेमानंद महाराज से

खरमास में क्या नहीं करें

  • खरमास के दौरान वाद-विवाद और झगड़ों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इस समय विवाद से आर्थिक नुकसान और मानहानि हो सकती है।
  • इस अवधि में धन के लेनदेन से बचना चाहिए। खासकर किसी को उधार पैसा देना अशुभ माना जाता है।
  • खरमास के 30 दिनों में किसी भी तरह के शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और जनेऊ संस्कार।
  • इस समय नया काम, व्यापार या निवेश शुरू करना शुभ नहीं माना जाता।
  • खरमास में तामसिक भोजन और नशे से दूरी बनाकर सात्विक और संयमित जीवन जीना चाहिए।

Kharmas diet rules why avoid urad rai

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Published On: Dec 17, 2025 | 10:29 PM

Topics:  

  • Kharmas Shubh Muhurat
  • Religion
  • Sanatan Hindu religion

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