मां लक्ष्मी के कदम और शुभ-लाभ का महत्व
Diwali 2024: उमंग एवं खुशियों का त्योहार दीवाली इस बार 1 नवंबर, दिन शुक्रवार को पूरे देशभर में मनाई जायेगी। हालांकि इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती हैं। 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ ही दिवाली महापर्व की शुरुआत हो जाएगी। दिवाली पर्व के मौके पर लोग घर में मां लक्ष्मी के कदम और शुभ-लाभ के चिन्ह लेकर आते हैं और घर के अलग-अलग स्थानों पर चिपकाते।
वहीं, कुछ लोग आलते या कुमकुम से खुद मां लक्ष्मी के चरण बनाते हैं और शुभ-लाभ लिखते हैं। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि दिवाली पर अगर लक्ष्मी कदम और शुभ-लाभ लगाते समय किसी भी प्रकार की भूल हो जाती है तो उससे घर की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर दिखता है। ऐसे में आइए जानते है लक्ष्मी कदम और शुभ-लाभ लगाते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
वास्तु-शास्त्र के अनुसार, लक्ष्मी कदम का आकार एक सामान्य हथेली के बराबर होना चाहिए। लक्ष्मी कदम का रंग लाल, हरा, पीला या गुलाबी होना चाहिए। अगर रंगबिरंगे लक्ष्मी कदम हैं तो भी वह अच्छे माने जाते हैं।
कई लोग लक्ष्मी कदम घर के मुख्य द्वार पर चिपका या बना देते हैं या फिर घर के मुख्य द्वार के बाहर लगा देते हैं जो कि गलत है क्योंकि कि जो भी कोई घर में आता है तो फिर मां लक्ष्मी के उन्हीं चरणों पर पैर रखकर आता है।
वहीं, शुभ लाभ बनाना या लगाना चाहते हैं तो उसे घर के मुख्य द्वार पर ऐसे लगाएं कि आते-जाते वह दिखता रहे। घर के मेन डोर पर शुभ-लाभ लगाने के बाद उसके उपर से लड़ियों को लटका देना सही नहीं है।
लक्ष्मी माता को श्री का स्वरुप माना जाता है। वह धन, समृद्धि, सौभाग्य और सम्पत्ति की देवी है। शास्त्रों में उनके पद्म चिन्ह का खास महत्व होता है।
माना जाता है कि माना जाता है कि माता के पद्म चिन्ह की आराधना करने से विशेष रूप से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है। दिवाली से पहले मां लक्ष्मी जी के पैर के चिन्ह को घर के मुख्य दरवाजे पर अंकित करें। ध्यान रखें कि पैरों के ये निशान घर के अंदर की तरफ हों। इससे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।