भगवान विष्णु, नारायण कैसे कहलाए (सौ.सोशल मीडिया)
Vishnu Bhagwan Narayan Kyu Kahate Hai: सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोग हर भगवान को अलग-अलग नामों से पुकारते है। जैसे भगवान शिव को महादेव, भोलेनाथ, भोले भंडारी जैसे कई नाम से बुलाते है। ठीक इसी तरह से जगत के पालनहार भगवान विष्णु के भी कई नाम है।
ऐसा कहा जाता हैं कि, विष्णु भगवान के नाम का स्मरण कर लेने से ही भक्तों के सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान अपने भक्तों को मनचाहा वरदान भी देते हैं। ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं भगवान विष्णु के नाम के बारे में और बताते हैं कि उन्हें उनके प्रिय नाम नारायण से क्यों बुलाया जाता है और इसका अर्थ क्या है-
पौराणिक कथा के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान विष्णु के परम भक्त देवर्षि नारद श्री हरि को नारायण के नाम से पुकारा करते थे। जल का पर्यायवाची शब्द नीर है, जिसे संस्कृत भाषा में विशेष स्थितियों में नर भी कहा जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नारायण का शाब्दिक अर्थ जल जिसका प्रथम अयन या अधिष्ठान यानी रहने का स्थान हो। श्री हरि वैकुण्ठ धाम में वास करते हैं। इसलिए उन्हें नारायण के नाम से पुकारा जाता है।
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने विष्णु जी को उत्पन्न किया। एक बार शिव जी ने पार्वती से कहा कि एक ऐसा पुरुष होना चाहिए जो सृष्टि का पालन कर सके। शक्ति के प्रताप से विष्णु जी का आर्विभाव हुआ।
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उनका रूप अद्वितीय था। उनके नयन कमल जैसे थे। वह चतुर्भुजी होने के साथ-साथ कौस्तुकमणि से भी सुशोभित थे। साथ ही सर्वत्र व्यापक होने के कारण उनका नाम विष्णु पड़ा। उन्होंने विश्व के पालन करने का कार्यभार संभाला। तभी से वह जगत पालनहार भी कहलाते हैं।