गुड़हल का फूल (सौ. डिजाइन फोटो)
Shardiya Navratri: 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है यह नौ दिन माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के लिए होते है। कहते है कि, माता के भक्त नवरात्रि के दौरान पूजा करने के साथ कई नियमों का पालन करने से माता का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की सारी परेशानियों का हल भी मिलता है। माता आदिशक्ति की पूजा के लिए वैसे तो कई फूल अर्पित किए जाते है इसमें कुछ माता को प्रिय होते है तो कुछ फूल माता को प्रिय नहीं होते है।
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए एक फूल यानि गुड़हल का फूल सबसे खास होता है इसे अर्पित करने माता प्रसन्न हो जाती है कहते है इस फूल में माता का वास होता है।
यहां पर ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, वैसे तो माता को पूजा में कई फूल जैसे कनेर और अपराजिता को अर्पित किया जाता है। वहीं पर एक ऐसा फूल है, लाल गुड़हल का फूल का जिसके बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है। दुर्गा सप्तशती में भी मां दुर्गा के लिए लाल गुड़हल पुष्प का उल्लेख मिलता है. लाल रंग साहस, सौभाग्य और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि, मां दुर्गा को लाल रंग प्रिय होता है इसलिए मां दुर्गा को लाल रंग की साड़ी, चुनरी और लाल गुड़हल का फूल अर्पण जरूर करना चाहिए. इससे मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्त के घर में सुख-समृद्धि का वास करती हैं और सभी दुखों का नाश होता है।
यहां पर ज्योतिषाचार्य यह भी बताते है कि, इस साल 2025 में 22 सितंबर से प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी और 2 अक्टूबर को विजयदशमी के साथ इसका समापन होगा। इस बार नवरात्रि का समापन दशहरा के दिन हो रहा है। अगर भक्त नवरात्रि में व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा और आराधना करते हैं तो जीवन में आने वाले किसी भी संकट से मां दुर्गा स्वयं उनकी रक्षा करती हैं। इस दौरान भक्त अगर माता दुर्गा को उनके मनपसंद फूल, भोग और वस्त्रों को अर्पित करते है तो माता की कृपा भक्तों पर बरसती है।