(सौजन्य सोशल मीडिया)
प्यार और रिश्तों का पावन त्योहार ‘रक्षा बंधन’ हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल की तरह सावन महीने में ही आता है। इस दौरान भाईयों को बहनें शुभ मुहूर्त में राखी बांधती हैं और भाई, बहनों को रक्षा का वचन देता है। इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 19 अगस्त को मनाया जाने वाला है।
रक्षाबंधन मनाने के लिये आपने भी तैयारियां शुरू कर दी होंगी और राखियां खरीदने का प्लान कर रहे होंगे। ऐसे में यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस खास मौके पर आपको अपने भाई को कैसी राखी बांधनी चाहिए और किस तरह की राखी बांधने से परहेज करना चाहिए। साथ ही, भाई की कलाई पर राखी बांधते समय कुछ चीजों पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। आइये जान लेते हैं इस बारे में……
1- ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, कभी भी खंडित चीजों का इस्तेमाल पूजा और शुभ कार्यों में नहीं करना चाहिए। क्योंकि, खंडित वस्तु का इस्तेमाल अशुभ परिणाम देता है। इसलिए भाई की कलाई पर कभी भी खंडित राखी यानी टूटी हुई राखी को नहीं बांधना चाहिए।
2- आजकल बाजारों में तरह-तरह की प्लास्टिक की राखियां आती हैं। ज्यादातर यह राखियां छोटे बच्चों के लिए बनी होती हैं। प्लास्टिक को केतु का पदार्थ माना जाता है और ये अपयश को बढ़ाता। इसलिए भूलकर भी ऐसी राखियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
3- लोग अक्सर भगवान का आशीर्वाद बनाए रखने की इच्छा से धार्मिक तस्वीरों और चिह्नों वाली राखियां इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मान्यताओं के मुताबिक ऐसा नहीं करना चाहिए। भूलकर भी भाईयों की कलाईयों पर देवी-देवताओं की तस्वीर वाली राखी न बांधे, क्योंकि ऐसा करने पर देवी-देवताओं का अपमान होता है।
4- हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ काम में काले रंग की वस्तु का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस शुभ अवसर पर काले रंग की राखी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
बहनें भाईयों की कलाई पर बांधने के लिये जिन राखियों का इस्तेमाल करती हैं वो हमेशा रेशम से बनी होनी चाहिये या सूत से बनी होनी चाहिए। ऐसी राखियों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इन राखियों का प्रयोग करना सबसे शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह की राखियां बांधने से भाइयों के यश में वृद्धि होती है।
लेखिका- सीमा कुमारी