तिल के तेल का दीपक (सौ.सोशल मीडिया)
Til Ke Tel Ka Deepak: सनातन धर्म में अग्नि देवता को विशेष महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि किसी भी तरह का शुभ कार्य हो या पूजा पाठ करना हो, सबसे पहले अग्नि देवता को अवश्य पूजा जाता है। यानी दीपक जरुर जलाया जाता है। चाहे मंदिर हो या घर में बने पूजा घर, सभी में पूजा के लिए दीपक जरूर जलाया जाता है।
अगर बात दीपक में इस्तेमाल की जाने वाली घी या तेल की करें तो, अधिकतर लोग तिल के तेल का दीपक जलाकर भगवान का आह्वान करते है।
आपको जानकारी के लिए बता दें, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, तिल के तेल का दीपक जलाने से वातावरण में शुद्धता बनी रहती है। साथ ही, नकारात्मकता दूर होती है। इसके अलावा, ज्योतिष-शास्त्र में बताया गया है कि तिल के तेल का दीपक ग्रह दोषों का निवारण भी करता है।
लेकिन हिंदू धर्मशास्त्रोंं में तिल के तेल के दीपक जलाने के नियम भी बताए गए है। कहा जाता है कि सप्ताह में चार दिन तिल के तेल का दीपक नहीं जालाना चाहिए। ऐसा करने से घर परिवार समस्याओं में घिर जाता है। ऐसे में बिना देर किए आइए जानते हैं कि सप्ताह के ये चार दिन कौन से हैं, जब तिल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए।
धर्म शास्त्रों और कथावाचकों के अनुसार, तिल का तेल हफ्ते में चार दिन हाथ में नहीं लगना चाहिए। ऐसा बताया जाता है कि रविवार के दिन हाथ में तिल का तेल नहीं लगना चाहिए। ऐसे में इस दिन तिल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। इस दिन तिल के तेल का दीपक जलाने से लंबी बीमारी आती है।
कहते है रविवार के अलावा मंगलवार के दिन भी तिल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कहते हैं कि मंगलवार को तिल के तेल का दीपक जलाने से जीवन में हादसा होने की संभावना रहती है, जिसमें मृत्यु हो सकती है।
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इस तरह से गुरुवार और शुक्रवार को भी तिल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। बताया जाता है कि गुरुवार को तिल के तेल का दीपक जलाने से हानि होती है। वहीं शुक्रवार के दिन तिल के तेल का दीपक जलाने से दुख प्राप्त होता है।