राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
जयपुर: राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षकों के लिए कड़ा संदेश देते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में अगर विद्यार्थियों के आधे से कम अंक आते हैं, तो वे पास हो सकते हैं, लेकिन शिक्षक फेल माने जाएंगे। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि ऐसे शिक्षकों को सजा के रूप में प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। नागौर दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार जरूरी है और सरकार इस दिशा में सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में शिक्षक अच्छा पढ़ा रहे हैं, इसलिए ऐसी स्थिति आने की संभावना कम है।
मंत्री दिलावर ने अपने बयान में दो टूक कहा कि यदि किसी विद्यार्थी के बोर्ड परीक्षा में आधे से कम अंक आते हैं, तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार होंगे। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ऐसे शिक्षकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। अगर शिक्षक गंगानगर में होगा, तो उसे बांसवाड़ा भेजा जाएगा और बांसवाड़ा में होगा, तो गंगानगर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इससे शिक्षकों में जिम्मेदारी का एहसास होगा और वे बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रेरित होंगे।
मदन दिलावर ने यह भी घोषणा की कि अब बोर्ड परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं की री-टोटलिंग के साथ-साथ री-चेकिंग की सुविधा भी दी जाएगी। पहले केवल अंकों की दोबारा गणना (री-टोटलिंग) की जाती थी, लेकिन अब पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गणित विषय से री-चेकिंग की शुरुआत की जाएगी। इससे विद्यार्थियों को अपने अंकों को लेकर किसी तरह की शंका नहीं रहेगी। इसके अलावा, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रश्न पत्रों को तीन से चार खंडों में बांटा जाएगा और विभिन्न विषय विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया जाएगा, जिससे नकल माफिया पर लगाम लगाई जा सकेगी और परीक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी होगी।
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मंत्री दिलावर ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई थी, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई। लेकिन वर्तमान सरकार जल्द ही 50 हजार शिक्षकों की पदोन्नति करेगी और नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। नागौर दौरे के दौरान मंत्री ने हरित संगम-2025 कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की अपील की।