राजस्थान के सीएम भजनलाल व पूर्व सीएम वसुंधरा (फोटो - सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान में अब जल्द ही राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू होने की बाला है। मीडिया में चल रही जानकरी के अनुसार विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होते ही भाजपा सरकार राजनीतिक नियुक्तियों पर काम शुरू कर सकती है। पार्टी नेतृत्व लंबे समय से नियुक्तियों को टालता आ रहा था, लेकिन अब संगठन और सत्ता के बीच संतुलन बिठाने के साथ-साथ विभिन्न खेमों को साधने के लिए भी इस प्रक्रिया पर प्रमुखता दी जा सकती है।
भाजपा के भीतर लंबे समय से चल रही गुटबाजी की खबरें अब शांत हैं, इसमें कयास लगाए जा रहे है कि इन नियुक्तियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं को भी समायोजित करने की बात चल रही है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत खेमा भी अपने-अपने समर्थकों को जमाने के लिए कोशिशें कर रहा है।
संभावित नियुक्तियों में कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें अशोक कालीचरण सराफ, प्रभुलाल सैनी, श्रवण सिंह बगड़ी, मुकेश दाधीच के अलावा श्रीचंद कृपलानी और प्रताप सिंह सिंघवी को भी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है। राजेंद्र सिंह राठौड़ और अलका गुर्जर को भी बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।
भाजपा आलाकमान उन नेताओं को भी जमाने की रणनीति पर काम कर रहा है, जो हाल ही में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं या संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसी पंक्ति में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में आए पूर्व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव को भी इसमें राजनीतिक नियुक्ति मिलने की संभावना है।इसके लिए भाजपा कार्यकर्ता पिछले कई महीनों से इन राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं।
राजस्थान की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 8 राजनीतिक नियुक्तियां की गई थीं, लेकिन अभी भी कई नेता और कार्यकर्ता पदों की आस लगाए बैठे हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान इस मसले पर पार्टी नेतृत्व से चर्चा हुई है। जिसको माना जा रहा है कि बजट सत्र के बाद पूरी रणनीति को बनाकर नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।