गहलोत-पायलट की मुलाकात (फोटो- सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से जारी गुटबाजी के बीच एक नई तस्वीर सामने आई है, जिसने पूरे राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट की जयपुर में हुई मुलाकात ने प्रदेश में कांग्रेस के भीतर चल रही खींचतान को कुछ हद तक सुलझते हुए दिखाया है। दोनों नेता लगभग डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बातचीत करते रहे, जिससे यह कयास लगने लगे हैं कि पार्टी में दूरियां कम हो रही हैं और भविष्य की रणनीति पर सहमति बन रही है। यह मुलाकात कांग्रेस के लिए किसी बड़ी राहत की तरह मानी जा रही है।
इस मुलाकात के बहाने जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई उम्मीद की झलक मिली है, वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह समीकरणों में संभावित बदलाव का संकेत हो सकता है। सचिन पायलट द्वारा गहलोत को उनके पिता की पुण्यतिथि पर आमंत्रित करना और गहलोत द्वारा साझा की गई स्मृतियां यह दिखाती हैं कि अब संवाद का रास्ता खुल चुका है। कांग्रेस के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, खासकर तब जब संगठनात्मक मजबूती की सबसे ज्यादा जरूरत है।
AICC महासचिव श्री @SachinPilot ने आवास पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. श्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। मैं और राजेश पायलट जी 1980 में पहली बार एक साथ ही लोकसभा पहुंचे एवं लगभग 18 साल तक साथ में सांसद रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख हमें… pic.twitter.com/GPLuXMtLKw — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 7, 2025
तीसरी बार आमने-सामने हुए दोनों नेता
पिछले तीन महीनों में यह तीसरी बार है जब अशोक गहलोत और सचिन पायलटे की मुलाकात हुई है। पहले अहमदाबाद और फिर जयपुर एयरपोर्ट पर हुई भेंट के बाद यह मुलाकात ज्यादा औपचारिक और लंबी रही। पायलट खुद गहलोत के सरकारी आवास पर पहुंचे और दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों के बीच की खाई अब धीरे-धीरे पाटी जा रही है।
कार्यकर्ताओं को मिली सियासी उम्मीद
इस मुलाकात ने उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत दी है, जो लंबे समय से चाहते थे कि दोनों नेता एक मंच पर आएं और पार्टी को एकजुट करें। मुलाकात के दौरान साझा की गई भावनात्मक बातें और सहज तस्वीरों ने यह संदेश दिया है कि नेतृत्व अब संवाद और सहयोग के जरिए आगे बढ़ने को तैयार है। इससे पार्टी के भीतर सकारात्मक माहौल बन सकता है।