बाबा रामदेव व किरोड़ी लाल मीणा (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान की राजनीति में अपने तेवरों के लिए चर्चित कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह बनी है योग गुरु बाबा रामदेव की वो बात, जिसमें उन्होंने मीणा की तुलना वीर शासक राणा सांगा से कर दी। जयपुर के एक समारोह में बोलते हुए रामदेव ने उन्हें ‘अपराजित योद्धा’ कहा और कहा कि वे राणा सांगा की तरह लड़ते हैं। इस तारीफ से गदगद होकर मीणा ने वीडियो को सोशल मीडिया पर भी साझा किया, जहां वह रामदेव को हाथ जोड़कर सम्मानित करते नजर आए।
हाल के दिनों में किरोड़ी लाल मीणा अपने ही दल भाजपा के खिलाफ तीखे तेवर अपनाते रहे हैं। दौसा उपचुनाव में अपने भाई की हार को साजिश बताने से लेकर फोन टैपिंग के आरोपों तक, मीणा ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया। हालांकि बाद में कोटा में उनके तेवर नरम पड़े और उन्होंने खुद को हाईकमान का अनुशासित सिपाही बताया, साथ ही कृषि मंत्री के रूप में काम पर ध्यान देने की बात कही।
रामदेव ने की मंच से खुलकर तारीफ
जयपुर के एएसआई शैक्षणिक संस्थान में आयोजित भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने किरोड़ी लाल मीणा की तुलना राणा सांगा से करते हुए उन्हें एक ऐसा योद्धा बताया जो कभी हार नहीं मानता। रामदेव बोले कि मीणा थोड़ी देर के लिए लड़ाई से हट सकते हैं लेकिन फिर पूरी ताकत से लौटते हैं। इस मौके पर राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, शिक्षामंत्री मदन दिलावर और अन्य नेता भी मौजूद थे।
भारतीय शिक्षा बोर्ड के सौजन्य से जयपुर के ASI शैक्षणिक संस्थान में आयोजित वृहद् शिक्षात्मक-समारोह में…. pic.twitter.com/Nl8vM3f77t
— Dr. Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) April 9, 2025
मीणा के बागी तेवर और पार्टी के साथ टकराव
भजनलाल सरकार बनने के बाद से ही किरोड़ी लाल मीणा ने कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। दौसा सीट पर हार को साजिश करार देने से लेकर विधानसभा में फोन टैपिंग के आरोपों तक, उनके बयानों ने पार्टी में हलचल मचाई। इसके चलते भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, जिसका जवाब देकर मीणा ने खुद को अनुशासित बताया। कोटा पहुंचने पर उन्होंने पुरानी बातों को भूलकर मंत्री पद पर ध्यान देने की बात कही थी।
राजस्थान की अन्य जरूरी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
राणा सांगा पर दिया गया बयान बना विवाद का कारण
इसी दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को ‘गद्दार’ कह दिया था, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने यह आरोप लगाया था कि राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाकर इब्राहिम लोदी से लड़वाया था। इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई लेकिन सुमन ने माफी मांगने से इनकार कर दिया।