अशोक गहलोत और सचिन पायलट (फोटो-सोशल मीडिया)
जयपुरः राजस्थान कांग्रेस नेतृत्व ने एक सुर में प्रदेश की पुलिस को आड़े हाथों लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक सुर में जनप्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तारी का आरोप लगाया है। इसके साथ राज्य की भाजपा सरकार पर भी हमला बोला है। मामला युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक अभिमन्यु पूनिया और छात्र नेता निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी का है।
जानकारी के मुताबिक अभिमन्यु पूनिया और छात्र नेता निर्मल चौधरी शनिवार को विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र का एग्जाम देने आए थे। पहले से ही जाल बिछाकर शादे कपड़ में बैठी पुलिस ने दोनों नेताओं को परीक्षा केंद्र से उठा लिया। इसके बाद जीप में बैठाकर दोनों कांग्रेस नेताओं को पुलिस गांधी नगर थाने ले गई।
विश्वविद्यालय से छात्र संघ अध्यक्ष व कांग्रेस विधायक गिरफ्तार
इसी दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से विधायक अभिमन्यु व छात्र नेता निर्मल ने अपनी गिरफ्तारी की जानकारी दी। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने इसकी आलोचना करते हुए दोनों को रिहा करने की मांग की है। वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर से कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी पर पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। निर्मल चौधरी राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के निवर्तमान अध्यक्ष हैं।
अभिमन्यू पुनिया ने सोशल मीडिया पर भाजपा को घेरा
पूनिया व चौधरी ने सोशल मीडिया पर अलग अलग पोस्ट में कहा है कि उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूनिया ने ‘एक्स’ पर लिखा, “राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर से मुझे और भाई निर्मल चौधरी को गिरफ्तार कर पुलिस ने कायरता का परिचय दिया है। क्या अब भाजपा के इस क्रूर शासन में आम आदमी की आवाज उठाना अपराध हो गया है, हम इस कायरतापूर्ण हरकत से अन्याय के खिलाफ लड़ना बंद नहीं करेंगे।”
राज्य सरकार अविलंब इन्हें रिहा करेः गहलोत
गहलोत ने दोनों नेताओं को रिहा करने की मांग करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक अभिमन्यु पूनिया व निर्मल चौधरी को परीक्षा देते समय हिरासत में लेना अन्यायपूर्ण व लोकतंत्र का उल्लंघन है।” उन्होंने लिखा कि जनप्रतिनिधियों को जनहित में आवाज उठाने का अधिकार है। राज्य सरकार अविलंब इन्हें रिहा करे।
पायलट और डोटासरा ने रिहाई की मांग की
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सोशल मीडिया मंचों पर इस मुद्दे को उठाते हुए पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है और इन्हें रिहा करने की मांग की है।