उदयपुर शहर के कोर्ट चौराहे पर जय भीम लिखा नीला झंडा फहराने को लेकर विवाद (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
उदयपुर: डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती से एक दिन पहले देर रात उदयपुर शहर के कोर्ट चौराहे पर ‘जय भीम’ लिखा नीला झंडा फहराने को लेकर विवाद हो गया। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं द्वारा क्रेन के जरिए यह झंडा फहराया जा रहा था, जिस पर ‘जय भीम’ और ‘बाबा साहब’ लिखा हुआ था और अंबेडकर की तस्वीर भी छपी हुई थी। इसको मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने इस झंडे को हटा दिया, जिससे झंडा फहरा रहे लोगों और पुलिस के बीच तीखी बहस और नोकझोंक हो गई।
भूपालपुरा थाना प्रभारी आदर्श परिहार मौके पर पहुंचे और झंडा फहराने से मना कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि दलित होने के कारण उन्हें झंडा फहराने से रोका गया, जबकि पुलिस का कहना था कि सार्वजनिक स्थान पर झंडा फहराने से पहले प्रशासन से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य है।
पुलिस ने हटवाया झंडा
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर झंडा हटावा दिया, जिससे झंडा फहराने वाले लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। फिर इस पर भूपालपुरा थाना प्रभारी भी घटना स्थल पर पहुंचे और झंडा फहराने से रोक दिया। लोगों का आरोप था कि दलित होने के कारण उन्हें झंडा फहराने से रोका गया था, जबकि पुलिस का कहना था कि सार्वजनिक स्थान पर कोई भी झंडा फहराने से पहले प्रशासन से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य रहती है। बता दें कि जानकारी के हिसाब से घटनास्थल पर दोनो तरफ से पुलिस व झंडा फहरा रहे लोगों दोनों की तरफ से आपस में तीखी नोंक-झोंक हो गई इस पर दोनों लोग आक्रोशित हो गए ।
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कार्यकर्ता झंडा फहराने पर अड़े रहे
पुलिस अधिकारियों के अनुसार अंबेडकर जयंती को लेकर संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पहले हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर कोई झंडा नहीं फहराया जाएगा। इसके बावजूद कार्यकर्ता झंडा फहराने पर अड़े रहे, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर झंडा उतरवा दिया। थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंच झंडा फहराने से मना कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि दलित होने के कारण उन्हें झंडा फहराने से रोका गया, जबकि पुलिस का कहना था कि सार्वजनिक स्थान पर झंडा फहराने से पहले प्रशासन से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य है।