बिजयनगर पुलिस स्टेशन ब्यावर सोर्स - सोशल मीडिया
जयपुर: राजस्थान के शांत कहे जाने वाले बिजयनगर शहर में हुए इस घिनौने कांड ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। पुलिस ने दुष्कर्म-ब्लैकमेल मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की घटनाओं ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज की मानसिकता पर भी गहरी चोट की है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारे समाज में छिपे शैतान किस तरह मासूमों को अपना शिकार बना रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अजमेर रेंज के डीआईजी ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) नेमसिंह के नेतृत्व में यह टीम मामले की तह तक जाएगी। टीम में अतिरिक्त एसपी भूपेंद्र शर्मा, मसूदा सीओ सज्जन सिंह, सीआई विद्या मीना, बिजयनगर थानाधिकारी करण सिंह और एसआई पारुल यादव भी शामिल हैं। टीम घटनास्थल का दौरा करेगी, पीड़ितों और उनके परिवारों से बात करेगी और साक्ष्यों का गहन विश्लेषण करेगी।
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पुलिस ने अब तक इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 10 को जेल भेज दिया गया है और 3 नाबालिगों को बाल सुधार गृह में रखा गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी अमन उर्फ अमन मंसूरी स्कूली लड़कियों से दोस्ती करता था और उन्हें अन्य आरोपियों से मिलवाता था। पुलिस उससे आगे की जानकारी जुटाने के लिए पूछताछ कर रही है।
इस घटना के सामने आने के बाद, राजस्थान के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों के अनुसार, आरोपियों ने उन्हें कलमा पढ़ने और धर्म बदलने के लिए भी मजबूर किया था। पुलिस पॉक्सो अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच कर रही है। दरअसल यह मामला 15 फरवरी को बिजयनगर थाने में नाबालिगों के दुष्कर्म, अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।