जयपुर सेंट्रल जेल (फोटो- सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जिसने जेल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। जयपुर सेंट्रल जेल के चार कैदी इलाज के नाम पर जेल से बाहर आए, लेकिन अस्पताल की जगह सीधे होटल पहुंच गए। यह पूरा मामला पुलिस और अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से जुड़ा बताया जा रहा है। जांच में सामने आया कि इलाज के बहाने कैदियों को नियमों के विपरीत छूट मिल रही थी और वह इसका फायदा उठाकर बाहर “मौज-मस्ती” कर रहे थे। अब इस घटना ने जेल प्रशासन और पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि कैदी जेल से निकलने के बाद सीधे अस्पताल नहीं जाते थे, बल्कि वे अस्पताल की औपचारिकता पूरी कर किसी कर्मचारी से संपर्क कर होटल चले जाते थे। यहां वे अपनी गर्लफ्रेंड से मिलते और दिन आराम से गुजारते थे। इस दौरान डॉक्टर की फर्जी पर्ची भी बनाई जाती थी, जिससे सब कुछ सामान्य लगे। पूरा खेल पुलिस की सुरक्षा गाड़ियों के जरिए किया जा रहा था, जिससे किसी को शक न हो।
इलाज के नाम पर होटल तक की आजादी
कैदियों को अस्पताल लाने के नाम पर फॉर्मलिटी पूरी की जाती थी, लेकिन हकीकत में यह एक साजिश की तरह संचालित हो रहा था। गार्ड और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से कैदियों को होटल तक पहुंचाया जा रहा था, जहां वे अपने हिसाब से समय बिताते थे।
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सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
इस घटना ने पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह जांच का विषय बन गया है कि इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ बड़े नामों का खुलासा हो सकता है, जिससे यह साफ हो जाएगा कि यह सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध मिलीभगत थी। बता दें कि जेल में बंद संगीन अपराधों के 4 आरोपियों अंकित, कार, रफीक उर्फ बकरी और भंवर को इलाज के नाम पर SMS अस्पताल से बाहर ले जाया गया, जांच में पता चला कि यह सब सोची-समझी साजिश थी। SMS अस्पताल थाने के SHO ने चारों के खिलाफ फरार होने का मामला दर्ज कराया है।