शिवराज सिंह चौहान, किसान(फोटो-सोशल मीडिया)
चंडीगढ़ः हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान पिछले एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। एमएसपी गारंटी कानून सहित कई अन्य मांगों को लेकर दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें बॉर्डर क्रॉस नहीं करने दिया। इसके बाद मजबूरी में किसानों ने वहीं मोर्चा लगा दिया। वहीं बीते करीब 60 दिनों से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल मरणाव्रत अनशन पर हैं। उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। अब सरकार ने किसानों से बात करने की पहल की है।
इससे पहले किसानों एवं सरकार प्रतिनिधियों के बीच 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक हुई थी। इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकाला। हालांकि बैठक में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रहलाद जोशी ने बताया कि सकारात्मक बातचीत रही है। हम जल्द ही अगली बैठक करेंगे। 14 फरवरी के बाद आज दूसरी बैठक होने जा रही है।
वहीं बता दें कि इससे पहले की बैठक में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं शामिल हुए थे। हालाकि आज की बैठक में कृषि मंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी शामिल होंगे। इस बैठक में सरकार और किसानों के बीच सहमति बनने की संभावना है। पिछली बैठक के दौरान भी प्रहलाद जोशी ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से अनशन खत्म करने को कहा था। हालांकि अभी तक उन्होंने अनशन नहीं तोड़ा है।
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गौरतलब है कि, केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।