शशि थरूर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Shashi Tharoor Remark On Democracy: कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक बयान ने फिर से सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने अमेरिका में ट्रंप और न्यूयॉर्क मेयर की मुलाकात को लोकतंत्र की मिसाल बताया। BJP ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है जब वे हाल में कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग दिखाई दिए हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और न्यूयॉर्क के मेयर जोहरान ममदानी के बीच हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात की सराहना की। चुनाव के दौरान दोनों के बीच कड़े राजनीतिक हमले हुए थे, लेकिन नतीजों के बाद दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस में मिलकर सकारात्मक संदेश दिया। थरूर ने इस वीडियो को एक्स पर साझा करते हुए लिखा- “लोकतंत्र को ऐसे ही काम करना चाहिए। चुनाव में पूरी ताकत से लड़िए, लेकिन परिणाम आने के बाद देशहित में साथ काम कीजिए। काश, भारत में भी ऐसा और देखने को मिले।”
This is how democracy should work. Fight passionately for your point of view in elections, with no rhetorical holds barred. But once it’s over, & the people have spoken, learn to cooperate with each other in the common interests of the nation you are both pledged to serve. I… https://t.co/NwXPZyhn20 — Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 22, 2025
थरूर के इस बयान के बाद बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सलाह सबसे पहले राहुल गांधी को लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को भी इस लोकतांत्रिक भावना को अपनाना चाहिए, खासकर वह नेतृत्व जो हमेशा टकराव की राजनीति करता है। इस टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया।
यह पहला मौका नहीं है जब शशि थरूर ने कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से अलग स्वर में बात की हो। 18 नवंबर को थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मीडिया कार्यक्रम में दिए गए भाषण की तारीफ की थी। इस पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सवाल उठाते हुए पूछा था कि अगर बीजेपी की नीतियों से सहमति है तो थरूर कांग्रेस में क्यों हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी कहा था कि पीएम के भाषण की तारीफ का कोई कारण उन्हें नहीं दिखता।
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9 नवंबर को भी थरूर एक विवाद में आ गए थे, जब उन्होंने वरिष्ठ BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ की। कांग्रेस तुरंत सामने आई और स्पष्ट किया कि थरूर अपने निजी विचार रखते हैं और यही पार्टी की लोकतांत्रिक परंपरा को दिखाता है। इससे पहले आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने पर हुई आलोचना पर थरूर ने कहा था कि किसी भी लंबे राजनीतिक करियर को केवल एक घटना से नहीं आंका जा सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नेहरू को केवल चीन युद्ध से और इंदिरा गांधी को केवल आपातकाल से नहीं परखा जा सकता, ठीक उसी तरह आडवाणी को भी एक घटना से नहीं बांधा जा सकता।