कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर व सांसद मणिकम टैगोर (फोटो- सोशल मीडया)
Congress के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के एक लेख ने पार्टी के भीतर बहस और विवाद को हवा दे दी है। थरूर ने आपातकाल को केवल ‘काला अध्याय’ कहने की बजाय उसे ‘सबक सीखने का दौर’ बताया, जिससे अब पार्टी के अंदर ही मतभेद उभर आए। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने थरूर पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, जब कोई सहकर्मी भाजपा की बातें शब्दशः दोहराने लगे, तो क्या मान लिया जाए कि चिड़िया अब तोता बन रही है? यह बयान अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
बता दें शशि थरूर का यह लेख मलयालम दैनिक दीपिका में प्रकाशित हुआ, जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल (1975–77) को अनुशासन की आड़ में हुआ क्रूरतापूर्ण दौर बताया। उन्होंने लिखा कि लोकतंत्र के पहरुओं को आपातकाल से सबक लेकर सतर्क रहना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस दौर को केवल काले अध्याय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उसके नतीजों को समझना जरूरी है। इसी संतुलित आलोचना को लेकर टैगोर ने अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा है।
When a Colleague starts repeating BJP lines word for word, you begin to wonder — is the Bird becoming a parrot? 🦜
Mimicry is cute in birds, not in politics.— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) July 10, 2025
ट्वीट से शुरू हुआ बवाल, कांग्रेस में मतभेद उजागर
मणिकम टैगोर का ट्वीट राजनीतिक संकेतों से भरा था, नकल चिड़ियों में प्यारी लगती है, राजनीति में नहीं। यह लाइन शशि थरूर की आलोचना के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि थरूर के लेख की भाषा और विचारों को भाजपा की आपातकाल विरोधी लाइन के करीब माना गया। थरूर जहां राजनीतिक और ऐतिहासिक संदर्भों में संतुलित दृष्टिकोण रखने के लिए जाने जाते हैं, वहीं पार्टी के कुछ नेता इसे कांग्रेस की छवि के लिए नुकसानदेह मान रहे हैं।
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कांग्रेस के भीतर लोकतांत्रिक मतभेद या विचारों की दरार
यह पहला मौका नहीं है जब थरूर ने पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाया हो। इससे पहले भी वे कई मुद्दों पर मुखर राय रखते रहे हैं। लेकिन इस बार मामला बेहद संवेदनशील है, क्योंकि आपातकाल कांग्रेस के इतिहास का सबसे विवादास्पद अध्याय रहा है। टैगोर का ट्वीट एक संकेत है कि पार्टी में विचारधारात्मक मतभेद खुलकर सामने आ सकते हैं, खासकर तब जब विपक्ष लगातार कांग्रेस को उसकी ऐतिहासिक गलतियों पर घेरता रहा है।