सत्यपाल मलिक (फोटो-सोशल मीडिया)
Satyapal Malik Death: बिहार, मेघालय, गोवा और जम्मू-कश्मीर के गवर्नर के रूप में सेवा दे चुके सत्यपाल मलिक का मंगलवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। 79 वर्ष के मलिक ने दिल्ली की राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। उन्हें किडनी की बिमारी थी, जिसके चलते पिछले दिनों उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के बाद देश आज उनकी बेबाकी को याद कर रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल सत्यपाल मलिक की बेबाकी की हमेशा तारीफ करते हैं। वे उन्हें रीढ़ की हड्डी वाला जाट नेता कहते हैं, जो दबाव में कभी झुके नहीं। मलिक हाल के कुछ वर्षों में अपनी पार्टी पर तीखे प्रहार को लेकर चर्चा में रहे। यही वजह रही की उनके बयान हमेशा सुर्खियां बटोरते थे। मलिक ने गोवा में करप्शन और पुलवामा हमले को लेकर ऐसे-ऐसे खुलासे किए की पूरा दिश हिल गया।
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर पुलवामा में CRPF के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा कई दर्जन घायल हुए थे। जब यह हमला हुआ था तो उस समय सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। पद से हटने के बाद मलिक ने एक के बाद एक मोदी सरकार पर आरोपों के बम फोड़े, जिससे पूरी भाजपा सरकार हिल गई। उन्होंने CRPF के काफिले पर हुए हमले को सिस्टम की लापरवाही बताया। इसके लिए उन्होंने सीआरपीएफ और खास तौर पर केंद्रीय गृहमंत्रालय को जिम्मेदार बताया। उस समय देश के गृहमंत्री मौजूदा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह थे।
मलिक ने बताया कि CRPF की तरफ से अपने जवानों के मूवमेंट के लिए विमान उपलब्ध कराने की डिमांड गृहमंत्रालय को भेजी गई थी, लेकिन गृहमंत्रालय के पास CRPF की रिक्वेस्ट पहले तो धूल फांकती रही, इसके बाद अंतिम समय में मना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा CRPF का काफिला जम्मू-कश्मीर जैसी जगह पर सड़क पर चलना नहीं चाहिए। अगर सड़क से मूवमेंट हो रहा है तो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए, जो नहीं थे।
सत्यपाल मलिक ने हमले के बाद एक्शन पर बातचीत करते हुए कहा था कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया तो व जिम कार्बेट पार्क में थे। मलिक ने बताया कि मैंने पीएम मोदी को घटना की पूरी जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने मुझे चुप रहने और किसी से भी कुछ नहीं बोलने का निर्देश दिया। उनका आरोप है कि जानकारी मिलने के बाद भी पीएम मोदी ने कुछ घंटे जिम कार्बेट पार्क में शूटिंग की।
मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री के बाद मैंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को फोन कर घटना की सूचना दी। इसके बाद डोभाल ने भी प्रधानमंत्री की तरह ही चुप रहने को कहा। उन्होंने कहा कि मैं तभी समझ गया था कि हमले का ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ कर सरकार चुनावी लाभ लेना चाहती है। मलिक ने इस आतंकी हमले को सुरक्षा एजेंसियों का फेलियर करार दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि पाकिस्तान से कोई ट्रक आए और 300 किलो आरडीएक्स लेकर घूमता रहे, लेकिन इंटेलिजेंस को भनक तक न लगे।
गोवा के बाद सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया, लेकिन ऐस कम ही देखने को मिलता है कि जिस पार्टी- सरकार ने राज्यपाल बनाया हो, उसी के खिलाफ कोई नेता मोर्चा खोल दे। उन्होंने इंडिया टूडे के इंटरव्यू में गोवा सरकार पर भ्रष्टचार का आरोप लगाया। मलिक के मुताबिक गोवा में भाजपा की प्रमोद सावंत वाली सरकार ने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान एक कंपनी से पैसा लिया, इसके बदले में उसे राशन बांटने का अधिकार दिया।
उन्होंने कहा था कि गोवा सरकार कोविड से निपटने में फेल हुई। वहां चल रहे भ्रष्टाचार पर मैंने आवाज उठाई तो मुझे हटा दिया गया। मलिक ने कहा था कि मैं लोहियावादी हूं, चरण सिंह के साथ मैंने वक्त बिताया है। मैं भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि गोवा में भ्रष्टाचार की जानकारी मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी, लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया।
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‘‘ जिस दिन लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, उस दिन गोवा सरकार ने विक्रय केंद्रों को बुनियादी जरूरत की चीजें बेचने की अनुमति नहीं दी, बल्कि उस कंपनी को हर घर जाकर सामान बेचने की इजाजत दी, जिसने गोवा सरकार को पैसे दिए थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना काल में खनन से जुड़े ट्रकों को गैरकानूनी ढंग से चलने की अनुमति दी गई।’’