संजय निषाद, ब्रजेश पाठक (फोटो-एक्स हैंडल)
UP Political News: उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव होना है। यह चुनाव देश की राजनीति की दिशा बदल सकता है। अगर 2024 लोकसभा चुनाव जैसे नतीजे आए। इसलिए भाजपा अभी से अलर्ट है। इसके बाद भी कुछ न कुछ क्राइसिस आ जा रहा है। वहीं सपा का पीछा भी सियासी क्राइसिस नहीं छोड़ रहा है। हालांकि दोनों दल सत्ता के लड़ाई में सधे कदमों से आगे बढ़ रहे हैं।
यूपी में भाजपा से नाराज NDA के सहयोगियों ने विधानसभा के घेराव का ऐलान कर दिया था। इतना ही नहीं इसके बाद सरकार में शामिल मंत्री संजय निषाद ने तो गठबंधन तोड़ने तक की धमकी दे दी। उन्होंने खुल कर कहा कि यदि हमसे फायदा नहीं तो भाजपा गठबंधन तोड़ दे। छुटभैया नेताओं से अनाप-शनाप बुलवाना बंद कर दें।
इस नाराजगी के बाद संजय निषाद एक दिन शांत रहे, उसके दूसरे दिन फिर से राजनीतिक एक्टिविटी शुरू हुई। गुरुवार यानी आज संजय निषाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निवास पर पहुंचे। वह सरकारी गाड़ी की बजाय निजी गाड़ी से पहुंचे थे। अब इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि यूपी भाजपा के लिए ब्रजेश पाठक क्राइसिस मैनेजर की तरह काम कर रहे हैं।
मुलाकात के बाद संजय निषाद और ब्रजेश पाठक मुस्कुराते हुए नजर आए। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में निषाद ने बताया कि हम लोगों ने फर्जी पीडीए का चट्टान की तरह सामना कर उनकी हवा निकाल दी। मगर भाजपा के कुछ दूसरी पार्टियों से आयातित नेता अपनी पार्टी की हवा निकाले में जुटे हैं और मलाई खा रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। इसके आगे उन्होंने कहा कि भाजपा को ऐसे नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है, जो उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मोदी और अमित शाह की सराहना करते हुए कहा कि ये बात सही है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री ने मछुआरों के लिए बहुत काम किया है। मगर भाजपा नेता निषाद समाज में इसका गलत प्रचार कर रहे हैं।
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यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव होना है। इसी को ध्यान में रखकर संजय निषाद से पूछा गया कि क्या आप पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा पर प्रेशर बना रहे हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। हम भाजपा के साथ हैं, कल भी साथ थे आगे भी रहेंगे। वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि निषाद राज समेत यूपी के अन्य दल योगी सरकार की कार्यशैली से बहुत ज्यादा खुश नहीं है। इसलिए 2027 से पहले यह समय सरकार पर प्रेशर बनाने का है। क्योंकि पंचायत चुनाव के बाद सीधा विधानसभा का चुनाव होगा।