प्रशांत किशोर, फोटो - सोशल मीडिया
पटना : बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। इस बार वजह बने हैं लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जिन्हें RJD से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इतना ही नहीं, लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पारिवारिक रिश्तों से भी बाहर कर दिया, जिससे यह मुद्दा महज घरेलू विवाद न रहकर एक बड़ा राजनीतिक मोड़ बन गया है।
इसी बीच बिहार की राजनीति में एक नया ट्विस्ट लेकर आए हैं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर। वैशाली में एक जनसभा के दौरान PK ने तेज प्रताप की बेदखली को लेकर बड़ा बयान दिया, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज कर दी हैं।
दरअसल, जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने कहा, “तेज प्रताप को निकालना उतना अहम नहीं, जितना ये सवाल है कि लालू यादव मुख्यमंत्री के लिए यादव समाज से बाहर क्यों नहीं सोचते?” प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर लालू यादव तेजस्वी की जगह किसी गैर-यादव चेहरे को RJD से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करते हैं, तो जन सुराज उनका समर्थन कर सकती है।
RJD की राजनीति जहां वर्षों से मुस्लिम-यादव (M-Y) वोट बैंक पर केंद्रित रही है, वहीं जन सुराज जाति से ऊपर उठकर विकास और सुशासन की बात करती है। ऐसे में अगर दोनों दलों के बीच कोई समीकरण बनता है, तो इसका असर बिहार की राजनीति पर गहरा हो सकता है।
एक ओर जहां जन सुराज को शहरी, पढ़े-लिखे युवाओं का समर्थन मिल सकता है, वहीं RJD को ग्रामीण और पारंपरिक वोट बैंक से मजबूती मिलेगी। इस गठजोड़ से बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को सीधी चुनौती मिलने की संभावना है।
वो मेरे बड़े भाई हैं और…, RJD से तेज प्रताप के निष्कासन पर क्या बोले तेजस्वी यादव?
प्रशांत किशोर बिहार में BRDK यानी ब्राह्मण, राजपूत, दलित और कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं। उन्होंने 2025 विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अकेले लड़ने की घोषणा की है और खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया है। लेकिन, तेजस्वी की जगह किसी और यादव को आगे करने की सलाह उनके राजनीतिक माइंडगेम का हिस्सा मानी जा रही है।