क्या आपने कभी गाड़ियों के रेयरव्यू मिरर पर कुछ लिखे हुए पर गौर किया है। बहुत सी गाड़ियों में जो रेअर व्यू या साइड व्यू मिरर आता है।
साइड-व्यू मिरर ( images social media)
क्या आपने कभी गाड़ियों के रेयरव्यू मिरर पर कुछ लिखे हुए पर गौर किया है। बहुत सी गाड़ियों में जो रेअर व्यू या साइड व्यू मिरर आता है। उसमें एक चेतावनी लिखी होती है।
उसमें लिख होता है, साइड-व्यू मिरर में वस्तुएं जितनी दिखती हैं, उससे अधिक नजदीक हैं” पर आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है।
दरअसल कार के साइड-व्यू मिरर कैसे डिज़ाइन किए गए हैं। वे आम शीशों की तरह सपाट नहीं होते हैं, बल्कि उत्तल या कॉनवेक्स होते हैं।
इसका मतलब है कि वे बाहर की ओर घुमावदार या गोल होते हैं। इस तरह के आकार का लाभ यह है कि यह ड्राइवर को देखने का एक बड़ा और ज्यादा क्षेत्र देता है।
इससे वह पीछे आ रहे वाहन अच्छे से छोटे से मिरर में देख पाता है। यदि आपके पीछे एक कार काफी दूर दिखती है।
तो आप जल्दी से लेन बदलने जैसा कुछ करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। जबकि वास्तव में आपके बीच ऐसा करने के लिए पर्याप्त सुरक्षित दूरी नहीं है।
यही कारण है कि कई वाहनों के रियर या साइड व्यू मिरर पर, चेतावनी लिखी मिलती है कि दर्पण में वस्तुएं जितनी दिखती हैं, उससे अधिक करीब हैं।
लोगों को पीछे के वाहन भी दिख जाएं और उन्हें उनकी दूरी के बारे में गलत अनुमान भी ना हो? लोगों ने निश्चित रूप से कोशिश की है। इसीलिए साइड-व्यू मिरर को इस्तेमाल किया जाता है।