Pranayam For Winter: सर्दियों में ठंड के तापमान के कम ज्यादा होने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। अच्छी सेहत के लिए खानपान पर ध्यान देना जरूरी होता है तो वहीं पर कई खाने की चीजों के अलावा योगासन और प्राणायाम भी फायदेमंद होते है। सर्दियों में अगर आप एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाल पा रहे है तो आपको कुछ प्राणायाम के बारे में जानकारी दे रहे है जो सर्दी के मौसम में भी आपको गर्म रखते है। शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी बनाने का काम करते है।
उज्जायी प्राणायाम- सर्दियों में योग एक्सपर्ट के कहे अनुसार आप उज्जायी प्राणायाम को कर सकते है। इस प्राणायाम को करने से शरीर में गर्मी का अहसास होता है। इसे करने के लिए पहले आरामदायक पोजिशन यानि सुखासन में बैठ जाए। इसके बाद कमर को सीधा रखें और आंखों को बंद कर लें,शरीर को ढीला छोड़ें और नॉर्मल तरीके से सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।गले से हल्की और धीमी ‘घर्र’ जैसी आवाज निकालें लेकिन मुंह बंद रखें। नाक से ही धीरे-धीरे सांस छोड़ें. सांस छोड़ते समय भी गले से हल्की ‘घर्र’ कीआवाज बनाए रखें।
सूर्यभेदी प्राणायाम- इस प्राणायाम को आप रोजाना नियमित रूप से कर सकते है। इसे करने से सर्दी में तो गर्माहट महसूस होता ही है। इसे हाई बीपी, हार्ट से जुड़ी समस्या या फिर अल्सर जैसी समस्या वाले लोगों को करने से बचना चाहिए। इस प्राणायाम को करने की प्रक्रिया में दाहिने नासिका से सांस लेकर और बाईं नासिका से सांस छोड़ते हैं।
भ्रामरी- योग एक्सपर्ट बताते है कि, इस योगासन को सर्दियों के मौसम में अक्सर करना चाहिए यह शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखता है। इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले तो आरामदायक पोजीशन में बैठ जाएं। तर्जनी उंगलियों को आंखों पर रखें और छोटी और रिंग फिंगर को होंठों पर रखें। इसके बाद प्रक्रिया में अंगूठे से अपने कानों को हल्का सा बंद करें,आप चाहें तो तर्जनी उंगली को माथे पर भी रख सकते हैं।अब लंबी और गहरी सांस लें, मुंह बंद रखते हुए सांस छोड़ते समय गले से मधुमक्खी के भिनभिनाने जैसा साउंड निकालें।इस प्रक्रिया को पूरा होने पर उसे दोबारा दोहराएं। धीरे-धीरे आंखों से उंगलियां हटा सकते है।
अनुलोम विलोम- सर्दियों में प्राणायाम करने की सोच रहे है तो आप अनुलोम विलोम को कर सकते है। इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले तो आरामदायक पोजीशन में बैठें, इसके बाद अपने राइट हैंड के अंगूठे को नाक पर रखें और बंद करें और अब मिडिल फिंगर का यूज करे का उपयोग करके लेफ्ट नोज को बंद करें।अपनी लेफ्ट नोज से धीरे-धीरे और गहरी सांस लें, लेफ्ट नोज को बंद करके, राइन नाक से सांस छोड़ें।अब राइट नॉस से सांस लें और लेफ्ट नोज से सांस छोड़ें। इस प्राणायम को नियमित करने से रेस्पिरेटरी सिस्टम और हार्ट से जुड़ी समस्या में राहत मिलती है।